वैज्ञानिकों ने खोज ली वॉटर फिल्टर की नई तकनीक, भारत को होगा फायदा
वॉशिंगटन
अमरीका की वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की एक टीम ने पानी साफ करने की एक नई तकनीक ईजाद की है। इस तकनीक के माध्यम से जीवाणु झिल्लियों एवं ग्राफीन ऑक्साईड का इस्तेमाल कर पानी को शुद्ध किया जा सकता है। यह शोध एन्वायरनमैंटल साइंस एंड टैक्नोलॉजी पत्रिका में भी प्रकाशित हो चुका है। नई तकनीक से भारत सहित कई विकासशील देशों को लाभ हो सकता है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक नई अल्ट्राफिल्ट्रेशन तकनीक झिल्ली के पानी के प्रवाह को रोकने वाले जीवाणुओं और अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों के जमा होने या पनपने को रोकती है। इससे पानी को स्वच्छ बनाने में मदद मिलती है। गीली सतह पर सूक्ष्मजीवियों के जमा होने को बायोफोउलिंग भी कहा जाता है।
ज्यादातर झिल्लियों मेंबायोफोउलिंग की समस्या होती है। इसे पूरी तरह से खत्म करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व में प्रत्येक 10 में से एक व्यक्ति को साफ पानी नहीं मिल पाता है। वर्ष 2025 तक विश्व की आधी आबादी को साफ पानी का अभाव झेलना पड़ेगा।