वेणुगोपाल धूत के खिलाफ CBI ने दर्ज की एफआईआर

नई दिल्ली

सीबीआई ने वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर (सीएमडी) वेणुगोपाल धूत के खिलाफ FIR दर्ज की है. जांच एजेंसी ने वेणुगोपाल धूत के खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसोर्टियम को धोखा देने के आरोप में FIR दर्ज की है.

सीबीआई ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय और एसबीआई के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसोर्टियम के अधिकारियों के खिलाफ जांच करने के बाद वेणुगोपाल धूत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. जांच में वीडियोकॉन मोजांबिक रोवोमा लिमिटेड (VMRL) के निदेशक और प्रमोटर भी शामिल हैं. ये वीडियोकॉन हाइड्रोकार्बन होल्डिंग लिमिटेड (VHHL) की एक सहायक कंपनी है.

सीबीआई के एक सूत्र ने बताया कि जांच में पता चला कि वीडियोकॉन से जुड़ी फर्मों ने अनुचित लाभ के लिए बैंकों के कंसोर्टियम के साथ साठगांठ की. जांच रिपोर्ट के अनुसार, ओएनजीसी विदेश लिमिटेड और ऑयल इंडिया लिमिटेड ने जनवरी 2014 में वीडियोकॉन की मोजांबिक संपत्ति को 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर में अधिग्रहण किया था.

वेणुगोपाल धूत एम / एस वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड और वीडियोकॉन हाइड्रोकार्बन होल्डिंग लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं. अप्रैल 2012 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में आईसीआईसीआई और आईडीबीआई बैंक के कंसोर्टियम ने वीएचएचएल को मोजांबिक, ब्राजील और इंडोनेशिया में काम बढ़ाने के लिए 2773.60 मिलियन अमेरिकी डॉलर का स्टैंडर्ड लेटर ऑफ क्रेडिट (एसबीएलसी) सैंक्शन कर दिया.

इसी में से 1103 मिलियन अमेरिकी डॉलर की एसबीएलसी फैसिलिटी को रीफाइनैंस किया गया, जिसमें से 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर स्टैंडर्स चार्टर्ड बैंक (एससीबी) लंदन को चुकाए गए..

एफआईआर में कहा गया है कि वीडियोकॉन ग्रुप की ऑयल एंड गैस कंपनी पर पहला आरोप एससीबी की सिक्योरिटी से ही जुड़ा हुआ है.फरवरी 2013 में वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने कंसोर्टियम को बताया कि एससीबी लोन 530 मिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़ गया है, इसलिए पैसे चुकाकर ऑयल एंड गैस संपत्ति का अधिग्रहण कर लिया जाए. सीबीआई का आरोप है कि कंसोर्टियम ने बिना किसी जांच पड़ताल के ही बढ़ा हुआ अमाउंट सैंक्शन कर दिया.

जांच एजेंसी के मुताबिक, तथ्यों और प्रथम दृष्टया परिस्थितियों से यह प्रदर्शित होता है कि एसबीआई के नेतृत्व में कर्ज दाता बैंकों के अज्ञात अधिकारियों ने वेणुगोपाल धूत के साथ साजिश रचकर वीएचएचएल को एससीबी से सुविधा का लाभ उठाना जारी रखने दिया.

इस तरह वीडियोकॉन को गलत तरीके से फायदा हुआ और भारतीय सार्वजनिक उपक्रम बैंकों को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाया गया.

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