विधायक को बंधक बनाया, चमकी बुखार के पीड़ितों ने सांसद पशुपति पारस को सुनाई खरी-खोटी

 
नई दिल्ली 

बिहार के हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद पशुपति कुमार पारस और विधायक राजकुमार साह रविवार को चमकी प्रभावित हरिवंशपुर गांव पहुंचे. यहां पर बुखार पीड़ितों के परिवार वालों ने दोनों जन प्रतिनिधि को खूब खरी खोटी सुनाई. सांसद और विधायक से स्थानीय लोग काफी नाराज दिखे. इस गांव में चमकी बुखार से 5 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन अबतक कोई जनप्रतिनिधि गांव नहीं आया था, इससे लोग काफी गुस्से में थे.

विधायक राजकुमार शाह ने पीड़ित परिवारों को 5 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी और जरूरी दवाएं बांटी, तब लोगों ने उन्हें वहां से जाने दिया. लालगंज से लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) विधायक राज कुमार शाह भी इस इलाके के दौरे पर थे लेकिन उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा. लोगों की शिकायत थी कि वे क्षेत्र का दौरा नहीं करते. विरोध में उनकी गुमशुदगी के पोस्टर भी लगाए गए थे. रविवार को शाह जब गांव पहुंचे तो लोगों ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया और कुछ देर के लिए बंधक भी बना लिया.

उधर हरिवंशपुर गांव के लोगों ने शनिवार को रामविलास पासवान की 'गुमशुदगी' के पोस्टर लगाए थे और मांग की थी कि इस नाजुक समय पर उन्हें इलाके का दौरा करना चाहिए. रामविलास पासवान तो वहां नहीं पहुंच पाए लेकिन उनके भाई पशुपति पारस ने लोगों से मिलकर उनका हाल जाना. हालांकि उन्हें भी ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा.
 
हाजीपुर से सटे मुजफ्फरपुर जिले में चमकी (दिमागी बुखार, इनसेफ्लाइटिस) बीमारी से लोग त्रस्त हैं और कई बच्चे मौत का शिकार हो चुके हैं. मुजफ्फरपुर स्थित श्रीकृष्ण मेडिकल हॉस्पिटल में अभी भी 100 से ज्यादा बच्चों का इलाज चल रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैसे नेता इस अस्पताल का जायजा ले चुके हैं और हर संभव मदद का आश्वासन दे चुके हैं. हालांकि जमीनी स्तर पर अभी कोई बहुत बड़ा सुधार होता नहीं दिख रहा और हर दिन बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है.

रविवार को लालगंज के एलजेपी विधायक राज कुमार शाह दौरे पर पहुंचे जिसका गांव वालों ने काफी विरोध किया और उनके खिलाफ नारे लगाए. हरिवंशपुर गांव में राम विलास पासवान के अलावा राज कुमार शाह की गुमशुदगी के भी पोस्टर लगाए गए हैं. लोगों की शिकायत है कि लालगंज के विधायक आज दौरे पर पहुंचे हैं जबकि इसके पहले वे कभी नहीं आए.  
 
उधर रविवार को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) छात्र संघ के सदस्यों ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए विरोध मार्च निकाला और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफे की मांग की. छात्र संघ ने इस बीमारी की बारीकी से जांच कराने के लिए कमेटी बनाने और इनसेफ्लाटिस से जूझते परिवारों के लिए मुआवजे की मांग की.

स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, पटना, भागलपुर, बांका, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण और पश्चिम चंपारण में बच्चों की मौतों की खबर है. हालांकि, मुजफ्फरपुर के एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि यहां हालात में सुधार हो रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की ओर से भेजी गई विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम बुधवार रात एसकेएमसीएच पहुंची. सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में दस अतिरिक्त एंबुलेंस सेवाओं को लगाया गया है. इसके अलावा 16 नोडल अधिकारियों को प्रभावित ब्लॉक में निजी स्वास्थ्य केंद्र में तैनात किया गया है.

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