विधानसभा में बिजली के मुद्दे पर भारी हंगामा, ‘चमगादड़’ पर बवाल

भोपाल
 मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन बिजली के मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हुआ| बिजली कटौती के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार की घेराबंदी की और बीजेपी विधायकों ने बिजली कमर्चारियों व अधिकारियों पर की जाने वाली कार्रवाई पर भी सवाल उठाये| प्रश्नोत्तर काल के दौरा बीजेपी विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया ने सवाल उठाया कि जब फीडर सेपरेशन व्यवस्था लागू है तो सरकार यह कैसे पता नई कर पा रही है कि बिजली अवरोध किस कारण हो रहा है| इस दौरान सरकार द्वारा बिजली गुल होने का एक कारण चमगादड़ों को बताये जाने के मुद्दे और इसी विषय पर एक कथित टिप्पणी को लेकर जमकर हंगामा हुआ।

बीजेपी विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने लोकसभा चुनाव के दौरान बिजली कटौती, लापरवाहियों के आरोप में कई बिजली कर्मचारियों के निलंबन और कई कर्मचारियों पर प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बारे में सरकार से जानकारी मांगी। विधायक ने कहा कि सरकार बिजली कटौती को लेकर असामाजिक तत्वों को जिम्मेदार ठहरा रही है। उन्होंने दावा किया कि पूर्व सरकार के दौरान बिजली नहीं जाती थी, क्या मात्र सात महीने में असामाजिक तत्व उत्पन्न हो गए। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि सरकार ने ट्रिपिंग के लिए चमगादड़ों को जिम्मेदार बताया।  भार्गव के इसी बयान के बीच मंत्री भनोत ने कथित तौर पर एक असंसदीय टिप्पणी कर दी। इस टिप्पणी पर पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक भूपेंद्र सिंंह ने आपत्ति उठाई। भाजपा के अन्य सदस्यों ने भी मंत्री द्वारा क्षमायाचना की मांग की। भारी शोर-शराबे के बीच अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कथित टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से विलोपित कर दिया।

उपकरणों की गुणवत्ता ठीक नहीं होने के कारण बिगड़ी व्यवस्था

विधानसभा में बीजेपी विधायक के सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 3-4 साल से बिजली मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति हो रही थी और खरीदे गए उपकरणों की गुणवत्ता ठीक नहीं होने के कारण व्यवस्थाएं बिगड़ी हैं। उन्होंने बताया कि पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने छेड़छाड़ संबंधित 18 प्रकरणों में से पांच में प्राथमिकी दर्ज करवाई है।

आईटीआई प्रशिक्षित ही करेंगे लाइनवर्क में काम

उर्जा मंत्री ने एक पूरक सवाल के जवाब में कहा कि बिजली कंपनियां चार तरीकों से अकुशल, अर्धकुशल, कुुशल और उच्च कुशल श्रेणी में कर्मचारियों को आउटसोर्स करती है। अब से आईटीआई प्रशिक्षित लोगों को ही लाइनवर्क में लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ट्रिपिंग अब ज्यादा नहीं है और चमगादड़ों की समस्या पूरे मध्यप्रदेश की न होकर सिर्फ उत्तर भोपाल में तालाब किनारे की है। वहां इंसुलेशन के आदेश दे दिए गए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *