विधानसभा को झूठी रिपोर्ट भेजने पर गिरी सीएमएचओ और महिला डॉक्टर पर गाज

मंदसौर
मंदसौर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महेश मालवीय और सुवासरा में पदस्थ शासकीय चिकित्सक रेवा शंकर जोहरी को स्वास्थ विभाग में निलंबित कर दिया है. दरअसल मामला सुवासरा से कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने विधानसभा में उठाया था. विधायक डंग ने प्रश्न किया था कि सुवासरा में पदस्थ शासकीय चिकित्सक डॉ रेवा शंकर जौहरी ने शासकीय सेवक होने के अलावा एक निजी नर्सिंग होम खोल रखा है. मंदसौर सीएमएचओ डॉ महेश मालवीय ने विधानसभा में जवाब भेजा था कि डॉ जोहरी ने सुवासरा में कोई भी निजी नर्सिंग होम नहीं खोला है. जब विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री ने यह गलत जवाब पेश किया तो विधायक डंग ने भौतिक परीक्षण करने की मांग कर दी. स्वास्थ्य विभाग से मिले निर्देश के बाद में कलेक्टर मनोज पुष्प ने एसडीएम रोशनी पाटीदार के नेतृत्व में एक जांच दल सुवासरा स्थित डॉ रेवा शंकर जौहरी के यहां जांच के लिए भेजा, जांच में डॉक्टर रेवा शंकर जोहरी का निजी नर्सिंग होम पाया गया और वहां पर मरीजों के इलाज के लिए संसाधन भी पाए गए.

जांच रिपोर्ट कलेक्टर के पास आने पर कलेक्टर ने अपनी रिपोर्ट विधानसभा को भेजी. रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य आयुक्त ने न सिर्फ डॉक्टर रेवा शंकर जोहरी के निजी चिकित्सालय का लाइसेंस निरस्त कर दिया बल्कि उन्हें निलंबित भी कर दिया. साथ ही विधानसभा में गलत जानकारी प्रेषित करने के आरोप में सीएमएचओ डॉक्टर महेश मालवीय को भी निलंबित कर दिया.

डॉ रेवा शंकर जोहरी के निजी नर्सिंग होम का लाइसेंस निरस्त करने एवं डॉक्टर रेवा शंकर जोहरी सहित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महेश मालवीय को निलंबित करने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. डॉ जौहरी की तरह ही मंदसौर जिले में कई शासकीय चिकित्सक अपना निजी नर्सिंग होम खोलकर मोटी फीस मरीजों से वसूल कर रहे हैं और सरकार की नौकरी करने की बजाय अपनी निजी दुकानें चला रहे हैं. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महेश मालवीय एवं डॉक्टर रेवा शंकर जोहरी पर कार्रवाई होने के बाद कलेक्टर मनोज पुष्प ने इशारा किया कि निजी शासकीय चिकित्सक जो निजी सेवाएं निजी नर्सिंग होम खोलकर अपनी दुकानें चला रहे हैं उनके खिलाफ भी आगे कार्रवाई की जाएगी.

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