विकास प्रस्ताव केंद्र में लापता, अब अफसरों की टीम खोजेगी फाइल

भोपाल
मध्य प्रदेश सरकार (madhya pradesh government) के प्रस्ताव दिल्ली (delhi)में गुम हो गए हैं. ये विकास से जुड़े वो प्रस्ताव हैं विधान सभा (vidhan sabha)में अशासकीय संकल्प के तौर पर पिछले लंबे समय में अलग-अलग सरकारों के दौर में पास किए गए.  केंद्र के पास जाकर फाइल वहीं अटक  गयी. उन प्रस्तावों की तलाश के लिए अब भोपाल (bhopal)से विधानसभा (mp assemble)अफसरों की टीम दिल्ली जाएगी.

स्पीकर का निर्देश-  मध्य प्रदेश में विकास कार्यों के लिए विधान सभा में अशासकीय संकल्प पारित किए गए थे. विधानसभा की मोहर लगने के बाद उन्हें केंद्र की मंज़ूरी के लिए दिल्ली भेजा गया था. लेकिन फाइल वहीं दब गयी.  उन्हें न तो केंद्र की मंज़ूरी मिली और न ही ये पता चला कि फाइल गयीं कहां. अब जब विधानसभा का ध्यान इस ओर गया तो स्पीकर एनपी प्रजापति ने अफसरों को अशासकीय संकल्पों की वास्तविकता जांचने के निर्देश दिए. उनके निर्देश के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा के अफसरों का दल दिल्ली जाएगा.

दरअसल जिन प्रस्तावों पर केंद्र या फिर संसद की अनुमति ज़रूरी होती. है,उसके प्रस्ताव विधानसभा में अशासकीय संकल्पों के रूप में पारित कर केंद्र को भेजे जाते हैं. मध्य प्रदेश विधानसभा से पारित ऐसे ही कई अशासकीय संकल्पों को केंद्र ने मंजूरी नहीं दी. इसलिए अब ऐसे सारे प्रस्ताव जो केंद्र में जाकर गुम हो गए हैं उनकी पड़ताल की तैयारी सरकार ने कर ली है.

केंद्र के इस रवैए से कमलनाथ सरकार नाराज़ हैं. प्रदेश के संसदीय कार्यमंत्री गोविंद सिंह का कहना है कि अशासकीय संकल्पों पर कार्रवाई न होना प्रदेश की जनता का अपमान है. उन्होंने कहा-विधायक रहते हुए कई अशासकीय संकल्प केंद्र को भेजे गए. लेकिन चाहे एनडीए सरकार रही हो या फिर यूपीए की, विधानसभा में जन हित से जुड़े अशासकीय संकल्पों पर केंद्र और लोकसभा में कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई.गोविंद सिंह ने तो इस तरह की व्ववस्था ख़त्म करने की मांग की है.संसदीय कार्यमंत्री का कहना है कि एमपी विधानसभा के अफसरों का दल उन सभी अशासकीय संकल्पों की खोज लेने के लिए दिल्ली जाएगा.

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