वाहन नहीं मिला तो बाइक पर ले जाना पड़ा बेटी का शव, करंट लगने से हुई थी मौत

मध्य प्रदेश के सागर में स्वास्थ्य विभाग और बिजली विभाग की लापरवाही सामने आई है. सागर जिले के शाहगढ़ में करंट लगने से 4 साल की बच्ची की मौत हो गई. बच्ची की मौत के बाद परिजनों को पोस्टमार्टम के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा वाहन मुहैया नहीं कराया गया. मजबूर होकर परिजनों ने बच्ची का शव बाइक पर पोस्टमार्टम कराने ले गए.

शाहगढ़ वार्ड 4 की रहने वाली पूनम शनिवार को अपने घर के पीछे खेलने गई थी. कुछ समय बाद उसके चिल्लाने की आवाज आई. बच्ची के चीखने की आवाज सुनकर उसकी मां मौके पर आई. उसकी मां ने देखा पूनम जमीन में पढ़े 11 केवी की बिजली के तारों में उलझी बेहोश पड़ी थी. पड़ोसियों ने सूखी लकड़ी के सहारे पूनम को तारों से बाहर निकाला. इसके बाद पड़ोसियों के साथ परिजन पूनम को शाहगढ़ अस्पताल ले गए, जहाँ उसको मृत घोषित कर दिया गया. इसके बाद परिजनों ने शाहगढ़ थाने को सूचना दी. पुलिस ने कागजी कार्रवाई कर शव को पोस्टमॉर्टम कराने को कहा. जिस पर परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से शव वाहन की मांग की. लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा परिजनों को पोस्टमार्टम के लिए वाहन मुहैया नहीं कराया गया.

 

वहीं मामले में ग्रामीणों ने बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि 11 केवी का तार पिछले 20 दिनों से जमीन पर पड़ा था. जिसकी शिकायत की गई थी, लेकिन बिजली विभाग ने समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की. अगर समय पर टूटे तार और पोल को बदल दिया जाता तो बच्ची की मौत नहीं होती. वहीं मौत की खबर मिलने के बाद बिजली विभाग के कर्मचारी मौके पर गये और तार का एक हिस्सा पेड़ से लपेटकर वापिस आ गये.

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