वार्डन के टॉर्चर से परेशान 100 छात्राएं पहुंची थाने, कहा-वार्डन से दिलवाएं मुक्ति

गुना 
मध्यप्रदेश के गुना जिले के म्याना में बालिका छात्रावास में पढ़ने वाली आदिवासी छात्राओं पर सहायक वार्डन द्वारा अत्याचार करने का मामला सामने आया है. आलम यह है कि हॉस्टल की सहायक वार्डन रिजवाना खान के अत्याचारों से परेशान छात्राएं सीधे म्याना थाने पहुंच गई. नाबालिग छात्राओं ने पुलिस से गुहार लगाते हुए कहा कि उन्हें हॉस्टल वार्डन के अत्याचार से मुक्ति दिलाई जाए.

दरअसल, म्याना कस्बे में संचालित शासकीय कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में 100 से ज्यादा आदिवासी छात्राएं रहती है. छात्रावास में रहकर बच्चियां शिक्षा ग्रहण करती है, लेकिन छात्रावास की सहायक वार्डन रिजवाना खान द्वारा छात्राओं पर अत्याचार किए जाते हैं. छात्राओं का कहना है कि वार्डन रिजवाना उनके साथ मारपीट भी करती है और उनसे हॉस्टल का मैला भी साफ करवाया जाता है.

वार्डन की ज्यादती का शिकार हुई छात्राओं ने म्याना थाने पहुंचकर अपनी दास्ता कह सुनाई. छात्राओं ने पुलिस को बताया कि वे किसी भी कीमत पर छात्रावास में वापस नहीं जाएंगी. आदिवासी छात्राओं इतनी ज्यादा सहमी हुई थी कि उन्हें थाने में ही बैठकर वक्त गुजारने की बात कही है. छात्राएं ही हॉस्टल में लौटने को कतई तैयार नहीं थी. आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही कलेक्टर ने छात्रावास का निरिक्षण भी किया था, लेकिन वार्डन ने छात्राओं को धमकाया था, कि कोई भी छात्रा कलेक्टर से किसी प्रकार की शिकायत न करे. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

वार्डन की ज्यादती का शिकार हुई छात्राओं ने म्याना थाने पहुंचकर अपनी दास्तां कह सुनाई।  छात्राओं ने पुलिस को बताया की वे किसी भी कीमत पर छात्रावास में वापिस नहीं जाएँगी। आदिवासी छात्राएं इतनी ज्यादा सहमी हुई थीं कि उन्होंने थाने में ही बैठकर वक्त गुजारने की बात कही।  छात्राएं हॉस्टल में लौटने को कतई तैयार नहीं थी। कुछ दिन पहले ही कलेक्टर ने छात्रावास का निरिक्षण भी किया था लेकिन वार्डन ने छात्रों को धमकाया था की कलेक्टर से कोई शिकायत न करें।  नाबालिग छात्राओं के साथ जानवरो जैसे सलूक के इस मामले ने बाल संरक्षण की धज्जियाँ उड़ा कर रख दी हैं।

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