वाराणसी के व्यापारियों ने चाइनीज रेशम से बनी साड़ियों में लगाई आग

वाराणसी

भारत और चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख के पास बॉर्डर पर हुए खूनी संघर्ष में देश के 20 जवान शहीद हो गए. इस घटना के बाद से ही देश में चीन के खिलाफ गुस्सा है और अब इस गुस्से की आग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी तक पहुंच गई है. गुरुवार को वाराणसी में साड़ी व्यापारियों और बुनकरों ने चाइनीज़ रेशम से बनी साड़ियों को आग के हवाले कर दिया.

वाराणसी के जैतपुरा क्षेत्र के बड़ी बाजार बुनकर और साड़ी कारोबार से जुड़े इलाके में व्यापारियों और बुनकरों ने भारी विरोध किया. इस दौरान आक्रोश के साथ चाइनीज़ रेशम से बनी बनारसी साड़ी और चाइना सिल्क को आग के हवाले कर दिया. व्यापारियों ने यहां भविष्य में भी चाइनीज़ रेशम का इस्तेमाल न करने का संकल्प भी लिया.

आपको बता दें कि पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में चीन द्वारा भारतीय सैनिकों पर हमले से पूरे देश में चीन के खिलाफ भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है. बनारसी साड़ी के लिए मशहूर शहर बनारस के बुनकरों और साड़ी व्यापारियों के प्रदर्शन में भी ये गुस्सा देखने को मिला.

इस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, चीन के झंडे और बायकॉट चाइनीज प्रोडक्ट जैसे नारों से भरी तख्तियां प्रदर्शनकारियों ने ले रखी थी. भारी विरोध और नारेबाजी के बीच प्रदर्शनकारियों ने देखते ही देखते चाइना रेशम से बनी बनारसी साड़ी, चाइना रेशम, शी जिनपिंग की तस्वीर और चाइना के झंडे को आग के हवाले कर दिया.

इस दौरान व्यापारियों से लेकर बुनकरों ने भी साफ कर दिया कि वह अब किसी भी सूरत में चाइना सिल्क का इस्तेमाल ना तो करेंगे ना ही चाइना सिल्क से बनी साड़ियों को बेचेंगे. भले ही उनको व्यापार में और नुकसान उठाना पड़े या कोई दूसरा काम ही क्यों न करना पड़े. लेकिन चीन को सबक सिखाने के लिए वे चाइनीज सिल्क का पूरी तरह से बायकॉट कर चुके हैं.

सिर्फ वाराणसी ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों में चीन के खिलाफ गुस्सा दिख रहा है. दिल्ली से लेकर कोलकाता तक लोग बैनर लेकर चीन के खिलाफ प्रदर्शन करने सड़कों पर उतरे.

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