वापस आए प्रवासी श्रमिकों को स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध कराने सामुदायिक शौचालय अभियान

रायपुर
कोविड-19 के प्रकोप के चलते बड़ी संख्या में प्रदेश लौटे प्रवासी श्रमिकों को स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध कराने सामुदायिक शौचालय अभियान-2020 के तहत गांवों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया जाएगा। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने कोविड-19 महामारी के दौरान स्वच्छता और हाइजिन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए गांव लौटे प्रवासी मजदूरों और अन्य लोगों के लिए स्वच्छता सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। गांवों एवं जिलों में सामुदायिक स्वच्छता परिसरों के निर्माण को प्रेरित और युद्धस्तर पर काम शुरू करने मंत्रालय द्वारा 15 जून से 15 सितम्बर तक सामुदायिक शौचालय अभियान-2020 संचालित किया जा रहा है।

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जलशक्ति मंत्रालय ने इसके लिए राज्यों को मार्गदर्शिका जारी की है। अभियान की समाप्ति के बाद मार्गदर्शिका के मापदंडों के अनुरूप उत्कृष्ट कार्य करने वाले जिलों, विकासखंडों और ग्राम पंचायतों को आगामी 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। राज्य शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) ने सभी जिलों के कलेक्टर-सह-अध्यक्ष प्रबंधन समिति, जिला स्वच्छ भारत मिशन और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी-सह-सदस्य सचिव, प्रबंधन समिति, जिला स्वच्छ भारत मिशन को परिपत्र जारी कर सामुदायिक शौचालयों का काम तत्काल शुरू करने कहा है। अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए विभिन्न स्तरों पर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार और गांवों में सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के लिए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के संचालक धर्मेश साहू ने सभी कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को भारत सरकार के दिशा-निदेर्शों के मुताबिक सामुदायिक स्वच्छता परिसरों के निर्माण के लिए स्वच्छ भारत मिशन के साथ ही वित्त आयोग अनुदान, सांसद या विधायक निधि, सी.एस.आर. या अन्य वित्तीय स्रोतों का उपयोग करने कहा है। उन्होंने बताया है कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की वेबसाइट पर सामुदायिक स्वच्छता परिसरों की जियोटैगिंग के बाद ही इनका निर्माण पूर्ण माना जाएगा। उन्होंने इनके निर्माण के बाद जियाटैगिंग अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए हैं।   

उत्कृष्ट कार्य करने वाले राज्य, जिला, विकासखंड और सरपंचों को मिलेगा पुरस्कार
सामुदायिक शौचालय अभियान-2020 की समाप्ति के बाद विभिन्न मापदंडों पर जिलों में हुए कार्यों का पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा आंकलन किया जाएगा। इसके लिए अभियान के दौरान निर्मित सामुदायिक स्वच्छता परिसरों की संख्या, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति बहुल पारा या टोला में निर्मित परिसरों की संख्या तथा अभियान शुरू होने के पूर्व निर्मित परिसरों की संख्या के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा। अभियान के दौरान निर्मित सामुदायिक स्वच्छता परिसरों की संख्या को 60 प्रतिशत, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति बहुल पारा या टोला में निर्मित परिसरों की संख्या को 20 प्रतिशत और अभियान के पूर्व निर्मित परिसरों की संख्या को 20 प्रतिशत महत्व दिया जाएगा। इन मानकों पर खरे उतरने वाले और सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले सर्वश्रेष्ठ राज्य के साथ ही देश के तीन जिलों और तीन विकासखंडों को 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित समारोह में पुरस्कृत किया जाएगा। राज्य द्वारा नामांकित तीन सर्वश्रेष्ठ सरपंचों को भी पुरस्कार दिए जाएंगे।

सामुदायिक शौचालयों के निर्माण में सामुदायिक शौचालय अभियान-2020 के पहले बेहतर कार्य करने वाले जिलों को भी सम्मानित किया जाएगा। इस अभियान के पहले सभी गांवों में कम से कम एक सामुदायिक शौचालय वाले जिलों को पुरस्कृत किया जाएगा। अभियान के पहले सामुदायिक शौचालय के 50 प्रतिशत से 65 प्रतिशत आच्छादन और अभियान के दौरान इसे 100 प्रतिशत पहुंचाने वाले जिलों को स्वर्ण पदक, अभियान के पहले 65 प्रतिशत से 85 प्रतिशत आच्छादन और अभियान के दौरान 100 प्रतिशत आच्छादन हासिल करने वाले जिलों को रजत पदक तथा अभियान के पूर्व 80 प्रतिशत से 95 प्रतिशत आच्छादन और वर्तमान अभियान के दौरान इसे 100 प्रतिशत पहुंचाने वाले जिलों को कांस्य पदक प्रदान किए जाएंगे।

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