वर्ल्ड कप: मयंक को मौका मिला तो 27 साल पुराने जडेजा-सिद्धू के इस रिकॉर्ड की करेंगे बराबरी

 
नई दिल्ली  
   
आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइनल में पहुंचने से पहले टीम इंडिया चोटिल खिलाड़ियों से जूझ रही है. ऑलराउंडर विजय शंकर के चोटिल होने के कारण मयंक अग्रवाल को उनकी जगह शामिल किया गया है. मयंक की एंट्री खासा चौंकाने वाली है क्योंकि उनके पास वनडे मैच खेलने का अंतरराष्ट्रीय अनुभव ही नहीं है. ऐसे में वह वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के अंतिम एकादश में शामिल होते हैं तो उनके वनडे करियर का यह पहला मैच भी होगा.

भले ही मयंक को इंग्लैंड में वर्ल्ड कप खेल रही टीम इंडिया में चांस दिए जाने की आलोचना की जा रही हो, लेकिन वह क्रिकेट के महाकुंभ के मुकाबले में मैदान में उतरने में कामयाब होते हैं तो 27 साल बाद ऐसा होगा कि जब कोई भारतीय खिलाड़ी वर्ल्ड कप के दौरान अंतिम एकादश में शामिल होगा.

27 साल पहले जिस क्रिकेटर को वर्ल्ड कप के दौरान टीम में शामिल किया गया वो आगे चलकर भारतीय टीम का कप्तान भी बना. भारतीय टीम के लिए अब तक 6 खिलाड़ियों ने वर्ल्ड कप से अपने वनडे करियर की शुरुआत की. मयंक के आज बांग्लादेश के साथ होने वाले मैच में खेलने की संभावना नहीं के बराबर है, लेकिन अंतिम लीग मैच में वह श्रीलंका के खिलाफ अपने वनडे करियर का आगाज कर सकते हैं. फिलहाल उनके पास 2 टेस्ट मैच खेलने का अनुभव है.

27 साल पहले वर्ल्ड कप से आगाज

27 साल पहले आखिरी बार भारतीय क्रिकेट टीम में 1991-92 के वर्ल्ड कप के दौरान ही अजय जडेजा ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का आगाज किया था. 28 फरवरी, 1992 को श्रीलंका के खिलाफ पहली बार वनडे मैच में शामिल किए गए. हालांकि यह मैच बारिश के कारण धुल गया और एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी थी. अजय जडेजा आगे चलकर टीम के बेहतरीन ऑलराउंडर बने और शानदार फील्डर के रूप में जाने गए. बाद में वह टीम इंडिया के कप्तान भी बने. वनडे में उन्होंने 13 मैचों में कप्तानी की.

एक साथ 3 खिलाड़ियों की एंट्री

वर्ल्ड कप के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के लिए वनडे करियर की शुरुआत 1975 के पहले ही वर्ल्ड कप में हो गई थी. 7 जून को इंग्लैंड के खिलाफ मुकाबले के लिए टीम इंडिया में 3 खिलाड़ियों को एक साथ वनडे करियर शुरू करने का मौका दिया गया. अंशुमान गायकवाड़, मोहिंदर अमरनाथ और करसन घावरी ने इस मैच से अपने वनडे करियर का आगाज किया. हालांकि इनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था और भारत यह मैच इंग्लैंड के हाथों 202 रन से हार गया.

1979 में खेले गए दूसरे वर्ल्ड कप में 9 जून को वेस्टइंडीज के साथ हुए मुकाबले में भारत की ओर से सुरिंदर खन्ना ने वनडे करियर का आगाज किया. हालांकि वह इस मैच में खाता भी नहीं खोल सके थे. भारत यह मैच विंडीज जैसी मजबूत टीम से 9 विकेट से हार गया था.

नवजोत सिंह सिद्धू की शानदार पारी

वर्ल्ड कप के दौरान टीम इंडिया की रंगीन जर्सी पहनने का मौका 1987-88 में भी एक खिलाड़ी को मिला. इस खिलाड़ी का नाम है नवजोत सिंह सिद्धू. नवजोत सिंह सिद्धू ने पहले ही मैच में शानदार प्रदर्शन किया था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस मैच में सिद्धू ने 79 गेंदों में 73 रनों की पारी खेली थी. भारत यह मैच भी हार (1 विकेट) गया था.

इसके बाद 1991-92 के वर्ल्ड कप में अजय जडेजा ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज किया. इस मैच में उन्हें मैदान में उतरने का मौका नहीं मिला, लेकिन इसी टूर्नामेंट में पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में 46 रनों की शानदार पारी खेलकर सभी प्रशंसकों का दिल जीत लिया था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *