लो फ्लोर बसों के लगातार घाटे के सौदे के बाद शहर में लग्जरी सिटी ट्रांसपोर्ट का नया प्लान पेश

भोपाल
हाल ही मेें वीर सावरकर सेतु के पास गणेश मंदिर की सिंगल टर्निंग में लो फ्लोर बसों के फंसने के बाद भी बीसीएलएल ने इससे लगता है कोई सबक नहीं लिया है। इन बड़ी बसों की टर्निंग पुराने शहर के व्यस्त और संकरे रास्तों पर भी परेशानी का सबब बन रही हैं लेकिन उसके बाद भी इनको चलाया जा रहा है। अब हालत यह है कि असुविधा और शिकायतों से भरपूर लो फ्लोर बसों के लगातार घाटे के सौदे के बाद शहर में लग्जरी सिटी ट्रांसपोर्ट का नया प्लान पेश किया जा रहा है।  

वॉल्वो जैसी 150 बसों का यह प्लान स्वीडन की तरफ से आया है। कहा जा रहा है कि पहले फेज में करीब 50 बसें भोपाल आएंगी। गो-ग्रीन के तहत डीजल के बजाए ये एसटीपी से निकलने वाली गैस और बिजली से चलेंगी। अभी यह सेवा नागपुर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू हुई है। इसके बाद अहमदाबाद और तीसरे नंबर पर भोपाल की सड़कों पर चलेगी।  डेढ़ माह में डेमो के जरिए इनकी एक झलक देखने को मिल सकती है। हाल ही में स्वीडन का दल भोपाल आया था। प्रस्ताव नगर निगम को दिया है। स्वीडन, स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉपोर्रेशन में पार्टनर है। स्वीडन की कंपनियां अपने खर्च पर बसों को चलाएंगी। इसके लिए स्वीडन ने भोपाल को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में चुना है।
 
रखरखाव के अभाव में अब  लो फ्लोर बसें इतनी खटारा हो गई हैं कि उनके दुर्घटनाग्रस्त होने का हमेशा डर बना रहता है। बसें इस कदर जर्जर हो गई हैं कि कब कहां चलते-चलते रुक जाएं या कहां ब्रेक फेल हो जाएं कोई भरोसा नहीं है। जर्जर बॉडी, गहरे अनगिनत डेंट और गहरा काला धुआं छोड़तीं ये अनफिट नहीं, बल्कि फिट हैं, क्योंकि आरटीओ ने इनको फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया है। भोपाल की सड़कों पर ऐसी ही करीब 115 लो फ्लोर बसें दौड़ रही हैं। लो फ्लोर बसों के मेंटेनेंस पर करीब 2.30 करोड़ रुपए साल खर्च होते हैं। इन बसों की रोजाना की रनिंग 200 किमी होती है।

 बीआरटीएस लेन के स्मार्ट बस स्टापों को अपडेट करने ओर वहां पर आटोमेटेड फेयर कलेक्शन सिस्टम की सुविधा भी पूरी तरह से शुरू नहीं हो पायी है।  शुरूआत में बोर्ड आफिस, सरगम टाकीज, हबीबगंज रेलवे स्टेशन और गणेश मंदिर पर आमने सामने के दोनों बस स्टाप पर यह सुविधा शुरू की जानी थी लेकिन लंबे समय तक यह नहीं चल पायी है। इसके अलावा बसों की रिपोयरिंग का काम भी तेज कर दिया गया है।

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