लोकसभा चुनाव 2019 : मध्य प्रदेश में इस बार 30 लाख युवा बेरोज़गार होंगे
भोपाल
मध्य प्रदेश में इस बार लोकसभा चुनाव में बेरोज़गार मतदाता गेमचेंजर साबित होने वाले हैं. वो भी एक या दो हज़ार नहीं बल्कि पूरे 30 लाख युवा बेरोज़गार मतदाता हैं. प्रदेश के अलग-अलग ज़िलों के रोज़गार कार्यालय में दर्ज आंकड़े इनकी संख्या बता रहे हैं. यही वजह है कि इन युवाओं पर सभी राजनैतिक दलों की नज़र हैं.
नवंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बेरोज़गारों की नाराज़गी बीजेपी को भारी पड़ी थी.यही वजह है कि कांग्रेस ने सत्ता में आते ही रोज़गार पर अपना ध्यान लगाया. लेकिन क्या इन योजनाओं के भरोसे कॉग्रेस लोकसभा चुनाव जीत पाएगी!
मध्य प्रदेश में पिछले 15 साल से बीजेपी की सरकार थी. उसमें से भी 13 साल शिवराज सिंह चौहान सीएम रहे. उन 13 साल में युवाओं के लिए युवा कांट्रेक्टर योजना, बैंक लोन लेने पर सब्सिडी का वादा समेत जॉब फेयर तक किए गए. लेकिन उसका वो नतीजा नहीं मिला, जिसकी उम्मीद थी. परिणाम वही हुआ कि विधान सभा चुनाव में इन बेरोज़गार युवा मतदाताओं ने बीजेपी के खिलाफ वोट डाला. और राज्य में चौथी बार बीजेपी की सरकार नहीं जम पाई. प्रदेश में बीते 5 साल में बेरोज़गारों की संख्या 30.6 लाख हो गई.
मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी का सबसे बड़ा संकट कॉग्रेस के शासन काल में आया था.उस समय के सीएम दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में 10 साल तक सरकारी नौकरी मिल पाना युवाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी.
ज़िला रोज़गार कार्यालयों में दर्ज बेरोज़गारों के आंकड़े
- ग्वालियर 151216
- भोपाल 120326
- सतना 124425
- मुरैना 116335
- रीवा 111214
- सागर – 108384
- छिंदवाड़ा 106273
मध्यप्रदेश में हर सरकार युवाओं और ख़ासतौर से पढ़े-लिखे युवाओं को रोज़गार देने का वादा हर सरकार करती है. लेकिन बढ़ती जनसंख्या के कारण सारे प्रयास नाकाफी साबित हो जाते हैं. विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव में भी नेताओं को डर है कि कहीं ये बेरोज़गार युवा उन्हें सबक ना सिखा दें.