लोकसभा चुनाव से पहले जनता को 40 दिन का रिपोर्ट कार्ड देगी कमल नाथ सरकार

भोपाल 
लोकसभा चुनाव से पहले सरकार के कामकाज को लेकर सियासत गर्मा गई है. मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के शुरुआती फैसलों को विपक्ष चुनावी मुद्दा बनाने में जुट गया है तो विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लए कमल नाथ सरकार अपने चालीस दिनों का रिपोर्ट कार्ड पेश करेगी.

विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब मध्यप्रदेश में आम चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस में सियासी घमासान उठ खड़ा हुआ है. सरकार को बिना मौके दिए बीजपी उस पर हलमा करने के लिए तैयार है तो कांग्रेस सरकार भी विपक्ष के सवालों के जवाब दने के लिए प्लान बनाने में जुट गई है. कांग्रेस ने चुनाव से पहले जनता को अच्छे दिनों का अहसास कराने के लिए अपने शुरुआती फैसलों को ढाल बनाने की तैयारी कर ली है. सरकार ने चुनाव से पहले जनता के सामने अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करने जा रही है, जिसमें कमल नाथ सरकार के फैसलों की जानकारी होगी.

कमल नाथ सरकार के मंत्री पीसी शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि वे अपने रिपोर्ट कार्ड में किसान कर्ज माफी, कन्या विवाह योजना की राशि बढ़ाने, उद्योगों में स्थानीय 70 फीसदी लोगों को रोजगार देने, युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए युवा स्वाभिमान अभियान यात्रा, सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि को दोगुना करने जैसे बड़े फैसलों को शामिल करना है. उन्होंने बताया कि पार्टी चाहती है कि चुनाव से पहले सरकार के इन फैसलों को भूनाया जाए. वहीं भाजपा ने भी सरकार के चालीस दिन को चुनावी मुद्दा बनाने का प्लान कर लिया है. विपक्ष के मुताबिक सरकार के फैसलों और हकीकत को भाजपा प्रदेश की जनता के सामने लाएगी.

बहरहाल, चुनाव से पहले सरकार के कामकाज को लेकर मध्यप्रदेश में सियासत का पारा तो गर्म हो चुका है. भाजपा जहां कांग्रेस के नई नवेली सरकार को संभलने का मौका नहीं देना चाहती, जिसके लिए वह सरकार के ही मुद्दों को जनता के बीच लेकर जाएगी, वहीं कांग्रेस भाजपा के आरोपों के जवाब देने के लिए अपने चालीस दिन के कामकाज का ब्योरा विधानसभा और जनता के बीच पेश करेगी.

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