लोकसभा चुनाव में राहुल को चुनौती देंगे सोनिया गांधी के ये करीबी, अमेठी से ठोकेंगे ताल

 
अमेठी

देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश की बहुत बड़ी भूमिका मानी जाती है। यहां से चुनाव लड़ने वाले नेताओं की वजह से उत्तर प्रदेश को हमेशा से राजनीति का गढ़ माना जाता रहा है। जब से लोकसभा चुनाव का बिगुल बजा है तब से राजनीतिक पार्टियां चुनावी रणनीतियां तैयार करने में जुटी हुई है। वहीं लोकसभा चुनाव के जरिए सत्ता में वापसी की राह देख रही कांग्रेस को उसी के गढ़ अमेठी में बड़ा झटका लगा है।
 दरअसल, दशकों से कांग्रेस के वफादार रहे हाजी मोहम्मद हारून राशिद ने पार्टी के खिलाफ बगावती सुर अख्तियार कर लिए हैं। राहुल गांधी के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते हुए राशिद ने अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। हाजी हारून ने कांग्रेस से अपने मोहभंग होने का कारण अमेठी में विकास और प्रगति की कमी को बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कहने और उसके करने में बहुत बड़ा अतंर है। अमेठी में मौजूद गरीबी इसकी कड़वी सच्चाई है और कोई भी इस तथ्य को गांव जाकर सत्यापित कर सकता है। इसी के चलते मैंने (राहुल गांधी) खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया है ताकि चीजें सही हो सकें।
 वहीं इस मामले में ग्रामीणों का कहना है कि हाजी हारून के परिवार ने राहुल गांधी के परिवार का 50 साल तक साथ दिया है। राहुल गांधी के परिवार ने यहां के मुसलमानों को गलत नजर से देखा है। एक अन्य ग्रामीण का कहना है कि राहुल गांधी ने उनकी कोई कदर नहीं की, इसलिए वो बाहर हो गए हैं। हालांकि, इसको लेकर कांग्रेस गंभीर नजर नहीं आ रही है। उनका मानना है कि हारून के परिवार के कांग्रेस से पुराने सम्बन्ध तो हैं, लेकिन उसकी नाराजगी की कोई वजह नहीं है।
 ज्ञात हो कि, लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंके जाने में कुछ ही समय बाकी रह गया है। चुनाव में अपनी जीत को लेकर संजीदा हुई कांग्रेस को अमेठी की परंपरागत सीट पर कई रोड़े दिख रहे हैं। एक तरफ जहां पिछले लोकसभा चुनाव में हारकर भी स्मृति ईरानी इस बार अमेठी से बीजेपी की प्रत्याशी हैं, तो वहीं दूसरी ओर राहुल के अमेठी के अलावा केरल से चुनाव लड़ने से भी एक खासा तबका नाराज हो गया है। अब देखना ये होगा कि राहुल खुद अपनी ही सीट को लेकर किस तरह से आपसी तल्खियत को दूर करते हैं।

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