लोकसभा चुनाव: चौथे चरण के बाद बदलेगी चुनाव प्रचार की रणनीति

 
नई दिल्ली 

लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए शनिवार को चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही लोकसभा की 372 सीटों पर चुनाव प्रचार की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी। फिर बाकी के 169 सीटों पर सभी दलों का पूरा फोकस रह जाएगा। अब दलों की प्रचार रणनीति भी बदलती दिखेगी। दरअसल, अंतिम तीन चरण के चुनाव मूल रूप से हिंदी पट्टी में ही होंगे, ऐसे में अब कम इलाके कवर करने होंगे। कांग्रेस और बीजेपी ने दूसरे राज्यों के सभी नेताओं की अब इन राज्यों में ड्यूटी लगा दी है। 
 
बीजेपी की हुई थी बंपर जीत
अंतिम तीन चरणों में जहां चुनाव हैं वहां 2014 में बीजेपी ने अप्रत्यशित रूप से बहुत बढ़ी जीत हासिल की थी। जैसे राजस्थान, दिल्ली, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश की लगभग सभी सीटें बीजेपी ने जीती थीं। अंतिम तीन चरणों में पश्चिम बंगाल और पंजाब छोड़कर बाकी सभी राज्य में बीजेपी को इन्हीं किलों को बचाने की चुनौती है। 
 

ये है कांग्रेस की रणनीति 
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने इन तीन चरणों के लिए खास योजना बनाई है। इनमें ऐसी सीटों को चिह्नित किया है जहां कांग्रेस बीजेपी को हरा सकती है और पूरा ध्यान उन्हीं सीटों पर फोकस करेगी। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार पार्टी की रणनीति होगी कि सभी सीटों पर उर्जा लगाने के बजाय संसाधनों का अधिकतम इस्तेमाल उन सीटों पर होगा जहां कुछ बेहतर परिणाम आए। 

सूत्रों के अनुसार इन चरणों में अब प्रियंका गांधी का रोड शो भी अधिक होगा। राहुल गांधी के रैली की भी संख्या बढ़ेगी। इसके अलावा पार्टी के सामने नवजोत सिंह सिद्धू के रैलियों की भी डिमांड काफी है। 
 
BJP ने बनाया प्लान
इसके साथ ही बीजेपी भी अंतिम के तीन चरणों में पीएम नरेंद्र मोदी की रैलियों की संख्या बढ़ाने के मूड में है। सूत्रों के अनुसार हर दिन चार से पांच रैलियां पीएम मोदी करेंगे। पार्टी ने उन राज्यों के नेताओं को भी कैंप करने को कहा है जहां चुनाव हो चुके हैं। जानकारों का मानना है कि अंतिम के तीन चरण ही 23 मई को निकलने वाले परिणाम को प्रभावित करेंगे। 
 

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