लोकसभा चुनाव: कोलकाता की चाइनीज कम्यूनिटी ने पहली बार किया वोट

 कोलकाता 
लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में पश्चिम बंगाल के कोलकाता में भारतीय चीनी समुदाय के लोगों ने भी पहली बार मतदान किया। यह समुदाय कई दशकों से बंगाल में अस्तित्व में है लेकिन रविवार को पहली बार इन्होंने घरों से निकलकर मताधिकार का प्रयोग किया। रविवार को कोलकाता में भागबान चंद्र खटिक प्राइमरी स्कूल से बाहर जॉर्डन ली अपनी पत्नी सुजैन और बेटे केनेथ के साथ लाइन में लगकर वोटिंग किया। 
 
वोट डालने के बाद उन्होंने गर्व के साथ अपना वोटिंग निशान दिखाया। लगभग 200 साल से शहर में बसा यह चाइनीज समुदाय कई तरह के क्षेत्र से जुड़ा हुआ है- शू मेकिंग, दंत चिकित्सक, ब्यूटी सलून और चाइनीज कुजीन वाले रेस्तरां लेकिन बावजूद इसके वह भारत की गणतांत्रिक प्रकिया के लिए अजनबी ही था। 
 
'समाज के साथ जुड़ाव नहीं हो सका' 
इस समुदाय से आने वाले बड़े-बुजुर्ग बताते हैं कि वे सांस्कृतिक रूप से लोकतंत्र की अवधारणा से अलग-थलग ही हैं, जब चीन में शाही शासन था तब उनके पूर्वजों ने भारत में पलायन कर लिया था। 45 साल की उम्र में पहली बार वोट डालने वाले चेन चीन हाउ ने बताया, 'हमारी कम्यूनिटी के ज्यादातर बुजुर्गों यानी हमारे दादा-दादी के पास भारतीय नागरिकता नहीं थी और वह चाइनीज पासपोर्ट रखते थे। उनकी अगली पीढ़ी यानी हमारे पैरंट्स पूरी जिंदगी कोलकाता में रहे लेकिन बिजनस के परे वह समाज के साथ जुड़ नहीं सके।' 

आबादी 20 हजार से घटकर 4500 रह गई है 
वह आगे बताते हैं,'राजनीतिक दलों ने भी कभी मुलाकात नहीं की। 1962 के युद्ध के दौरान गिरफ्तारियों ने उन्हें संदिग्ध बना दिया और वह बहिष्कृत जीवन जीने लगे। सिर्फ हमारी अगली पीढ़ी यानी हमने यह महसूस किया कि हम इस तरह एकांत होकर नहीं रह सकते। 4 दशक पहले तक कोलकाता में हमारी आबादी करीब 20 हजार तक थी लेकिन अब यह घटकर 4500 रह गई है। हमने सोचा कि अगर हमें यहां रहना है तो हमें घुलना-मिलना होगा और बाहरी दुनिया से संपर्क करना होगा। चुनाव में भाग लेकर और अपने वैध अधिकारों का प्रयोग करना समाज के

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