लॉकडाउन में बच्चों को लुभा रहा अनूठा बाल साहित्य संसार

भोपाल 
विश्वव्यापी कोरोना महामारी ने आज बच्चों की दुनिया को घर के अंदर सीमित कर दिया है। जिसे ज्यादा तीव्रता से महसूस करते हैं वे बच्चे जो कि बाल देखरेख संस्थाओं में रहते हैं। इनका अपना कोई परिवार भी नहीं, ऐसी जटिल परिस्थितियों में इनके अवसाद व मनोसामाजिक समस्याओं से ग्रसित होने की अधिक संभावनाएं होती हैं। इन मासूम निराश्रित बच्चों को लगातार स्वस्थ मनोरंजन और बौद्धिक विकास की आवश्यकता को समझते हुए छिंदवाड़ा की महिला एवं बाल विकास विभाग कि जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती कल्पना तिवारी ने ऐसे बच्चों के लिए एक अभिनव पहल की है। तिवारी ने 'साहित्य बच्चों के लिए' नाम से एक सोशल मीडिया समूह सृजित किया है। जिसमें ऐसे बच्चों को उनकी बाल सुलभ मनोवृत्ति और सपनों को विभिन्न बाल साहित्य की विधाओं के माध्यम से परिकल्पनाओं के उड़ान के पंख और हौसले दिये हैं। इस समूह में देश के जाने-माने बाल साहित्यकारों को एक मीडिया मंच पर एकत्रित किया गया है, जो अपनी कला से बाल गीत, बाल कथा-कहानियाँ, बाल पहेलियाँ, रेडियो व वीडियो एपिसोड और फेसबुक उदगार के जागरूकता एपिसोड से समृद्ध व रोचक सामग्री साझा कर रहे हैं। विभाग द्वारा बच्चों को एक नवीन कार्यक्रम 'बाल रंग' प्रतिदिन लगातार प्रस्तुत किया जा रहा है। बच्चों द्वारा भी इस कार्यक्रम को बड़ी रुचि व उत्साह से देखा-सुना जा रहा है। इसके माध्यम से बच्चे गीत गायन, कहानी श्रवण को चित्रों में उकेरना, अभिनयन जैसी सजीव नई कला सीख रहे है।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *