लॉकडाउन: कोरोना से जंग के 21 दिन, आप भी कहेंगे- चक दे इंडिया?

नई दिल्ली 
21 दिन। 21 दिन हैं आपके पास। शायद देश और अपनों की जिंदगी के सबसे खास 21 दिन। आप घर में रहें या लक्ष्मण रेखा लांघें, ये 21 दिन हमेशा याद रहेंगे। कोरोना के खिलाफ जंग के ये 21 दिन न संभले, तो देश न जाने क्या कीमत चुकाएगा। क्या अब आप देश को ये 21 दिन देंगे और कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में कहेंगे- चक दे इंडिया? दरअसल अब यह सवाल 130 करोड़ भारतवासियों के सामने है। पीएम मोदी ने मंगलवार रात जब कोरोना के खिलाफ निर्णायक जंग के लिए पूरे देश में लॉकडाउन का अभूतपूर्व ऐलान किया, तो देशवासियों के संकल्प और परीक्षा की सबसे मुश्किल घड़ी भी शुरू हो गई। ऐसी परीक्षा जो अगले 21 दिन हर भारतवासी के सब्र और धैर्य को परखेगी। बिल्कुल अलग तरह का ऐसा इम्तिहान जो देश के इतिहास में आज तक कभी नहीं दिया गया। युद्धकाल में भी नहीं। जिससे हर भारतवासी को जुड़ना होगा। चेहरे पर चिंता की लकीरें, जुड़े हुए हाथ। एक हफ्ते के अंदर पीएम मोदी देश के सामने जब दूसरी बार मुखातिब हुए तो वह कोरोना के खिलाफ इस जंग के लिए याचक की तरह नजर आए। उन्होंने देशवासियों के सामने दो बार हाथ जोड़े और अगले 21 दिन लॉकडाउन की लक्ष्मण रेखा न लांघने की बेहद भावुक अपील की। 

वे बार-बार आगाह करते दिखे कि अगर ये 21 दिन न संभले, तो देश न जाने क्या कीमत चुकाएगा। मोदी ने देशवासियों से ये 21 दिन मांगते हुए बच्चों, परिवार, दोस्तों और देश तक का वास्ता तक दिया। साथ ही इस गलतफहमी को दूर किया कि सोशल डिस्टेंसिंग सिर्फ मरीजों के के लिए है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी लापरवाही जारी रही, तो भारत को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। यह कीमत कितनी होगी, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। दरअसल मंगलवार को देश के कई राज्यों में लॉकडाउन की बाद जो तस्वीरें सामने आई थीं, उसने चिंता बढ़ा दी थीं। देश के मुखिया की इस अपील के साथ लोग अब मन से कितना जुड़ेंगे, यह आने वाले दिनों में दिखेगा। इन 21 दिनों में 130 करोड़ भारतवासियों का सब्र या लापरवाही कोरोना से इस जंग की दिशा भी तय करने वाली हैं। 

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