लॉकडाउन के बाद 40 लाख प्रवासी मज़दूरों को देंगे रोजगार: CM शिवराज

भोपाल
देशभर में फैलते कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन में बेरोज़गार हुए मज़दूरों को शिवराज सरकार ने रोजगार देने का प्लान बना लिया है. जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश सरकार, "कोई नहीं रहेगा बेरोजगार सबको देंगे रोजगार" नाम से अभियान चलाने जा रही है. इस में प्रदेशभर में करीब 32 से 40 लाख मजदूरों को मनरेगा में रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है.

मजदूरों के बड़ी संख्या में प्रदेश लौटने पर अब सरकार का फोकस उन्हें काम दिलाने और आत्मनिर्भर बनाने पर है. यानी रोजमर्रा की जिंदगी चलाने के लिए मनरेगा मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. "कोई नहीं रहेगा बेरोजगार सबको देंगे रोजगार "की शुरुआत 22 मई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल से करने जा रहे हैं. 52 जिलों में विधायक अपने-अपने जिलों में पंचायत स्तर पर इस अभियान के तहत मनरेगा मजदूरों को जॉब कार्ड बांटेंगे. मई के आखिर तक मजदूरों को जॉब कार्ड दिए जाएंगे.

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फैसला लिया है कि प्रदेश भर में मंदिरों की जितनी भी खाली जगह है वहां तालाब बनवाया जाए. इसमें मनरेगा मजदूरों को लगाया जाएगा. सरोवर के साथ ही बागीचा और मंदिरों में गौशालाएं बनायी जाएंगी. मंदिर के साधु-संत और पुजारियों को देखभाल की जिम्मेदारी दी जाएगी. पिछले साल 12लाख मजदूर काम करते थे जो इस बार प्रवासी मजदूरों के कारण बढ़कर 20 लाख से ज्यादा हो जाएगी. पिछले साल के मुकाबले जून तक बाहर से आये हुए करीब 40लाख मजदूरों को रोजगार देने का लक्ष्य है.  केंद्र सरकार ने इसके लिए इस बार 11हज़ार390 करोड़ का राहत पैकेज दिया है.

आत्मनिर्भर बनने के पीएम के अभियान के तहत ग्लोबल टेंडर पर मध्यप्रदेश में रोक लगा दी गई है.ग्लोबल टेंडर यानी बाहर से माल लाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है.खासकर स्वास्थ्य विभाग के उपकरणों में इस बात का खासा ध्यान रखा जाएगा.स्वास्थ्य विभाग के उपकरणों में बाहरी माल पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.

सरकार का पूरा फोकस अब छोटे उद्योगों पर है. एमएसएमई यानि सूक्ष्म उद्योगों के लिए दी जाने वाली राशि में वृद्धि की गई है.अति सूक्ष्म उद्योगों के लिए पहले 5 लाख तक की राशि दी जाती थी.अब इसे बढ़ाकर 25 लाख कर दिया गया है. प्रदेश भर में 22हज़ार छोटे उद्योग हैं.छोटी इकाइयों के लिए 30 लाख करोड़ का पैकेज केंद्र सरकार देगी. छोटी इकाइयों को 25 लाख तक का लोन देने का निर्णय लिया गया है. ताकि वो पटरी पर आ सकें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *