लड़के के बदले एग्जाम दे रही थी लड़की, दोनों पर FIR दर्ज

 
नई दिल्ली

पीजीडीएवी कॉलेज (ईवनिंग) में एग्जाम चल रहा था। एक लड़की के एडमिट कार्ड और अटेंडेंस शीट पर लिखे पेपर कोड अंतर था। एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिस में पता किया गया तो वह पेपर में पहले से ही पास थी। इसलिए उसे घर भेज दिया गया लेकिन वह एडमिट कार्ड कॉलेज में ही छोड़ गई। 
 
कॉलेज स्टाफ ने जांच की तो वह फर्जी था और खुलासा हुआ कि लड़की एक लड़के के बदले एग्जाम देने आई थी। दोनों कॉलेज स्टूडेंट थे, इसलिए उन्हें बुला लिया। पुलिस को जानकारी दी गई और दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया। 
 
दिल्ली यूनिवर्सिटी का शुक्रवार दोपहर 3 बजे से बीए फर्स्ट ईयर का हिंदी का पेपर था। दो लेक्चरर बतौर इनविजिलेटर ड्यूटी पर थे। इस दौरान स्टूडेंट्स के एडमिट कार्ड चेक करने, अटेंडेंसशीट भरवाने और आंसरशीट पर साइन करने के काम में जुट गई। महज 20 मिनट बाद ही वह छात्रा के पास पहुंचे तो उन्होंने पाया कि एडमिट कार्ड और अटेंडेंसशीट में अलग-अलग पेपर कोड लिखा हुआ है। 

लड़की ने अटेंडेंस शीट पर साइन नहीं किए थे और आंसरशीट भी भर चुकी थी। उसे तुरंत एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिस ले जाया गया, जहां मालूम हुआ कि लड़की हिंदी के पेपर को पिछले साल ही पास कर चुकी है। इसलिए उन्हें लगा कि यह सब गफलत में हो गया होगा, इसलिए छात्रा को घर भेज दिया गया। इस दौरान लड़की एडमिट कार्ड कॉलेज में ही भूल गई थी। जांच में वो फर्जी मिला। 
 

इससे खुलासा हुआ कि वह एक लड़के के बदले पेपर देने आई थी। एडमिट कार्ड में फोटो पेस्ट कर प्रिंसिपल के फर्जी साइन किए गए थे। पूरा मामला सामने आने के बाद दोनों स्टूडेंट को कॉलेज बुलाया गया। पुलिस को कॉल कर केस की जानकारी दी गई। पुलिस को फर्जी एडमिट कार्ड, आंसरशीट, अटेंडेंसशीट और क्वेश्चन पेपर बतौर सबूत सौंप दिए गए। पुलिस ने धोखाधड़ी, सरकारी दस्तावेज में छेड़छाड़ और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। 

पुलिस के आला अफसर ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों के एड्रेस वेरीफाई हैं और दोनों स्टूडेंट हैं, इसलिए फिलहाल गिरफ्तार नहीं किया गया है। जांच के दौरान जब भी जरूरत पड़ेगी उन्हें बुला लिया जाएगा। 
 

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