रोमांचक मैच में हारा भारत, ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज में ली 1-0 की बढ़त

नई दिल्ली
बेहद रोमांचक मुकाबले में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा। विशाखापत्तनम में खेले गए इस मैच का फैसला आखिरी गेंद पर हुआ। पारी की आखिरी दो गेंदों पर 6 रन चाहिए थे और पैट कमिंस ने चौका लगाने के बाद दो रन बनाते हुए मैच ऑस्ट्रेलिया की झोली में डाल दिया। इस मैच में भारतीय टीम ने पहले बैटिंग करते हुए 7 विकेट पर 126 रन बनाए। जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 20 ओवरों में 7 विकेट पर 127 रन बनाकर 3 विकेट से जीत दर्ज की। 

ऑस्ट्रेलिया की खराब शुरुआत 
इससे पहले 127 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। 5 रन के टीम स्कोर पर उसके दो विकेट गिर गए। उसे पहला झटका मार्कस स्टोइनिस के रूप में लगा। स्टोइनिस 1 रन के निजी स्कोर पर रन आउट हुए, जबकि कप्तान आरोन फिंच जसप्रीत बुमराह की गेंद पर LBW आउट हुए। वह सिर्फ एक गेंद का सामना कर सके। 

मैक्सवेल की फिफ्टी 
इसके बाद हालांकि ग्लेन मैक्सवेल ने आते ही तूफानी बैटिंग शुरू की और ओपनर डार्सी शॉर्ट के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 83 रनों की साझेदारी करते हुए टीम को संभाल लिया। ऑस्ट्रेलिया आसानी से लक्ष्य की ओर बढ़ता दिख रहा था तभी चहल को छक्का लगाने के चक्कर में ग्लेन मैक्सवेल अपना कैच केएल राहुल को थमा बैठे। वह 43 गेंदों में 6 चौके और 2 छक्के की मदद से 56 रन बनाकर आउट हुए। 

टीम इंडिया की वापसी 
मैक्सी के जाते ही डार्सी शॉर्ट उस वक्त रन आउट हुए, जब हैंड्सकॉम्ब के शॉट पर वह दूसरे रन के लिए दौड़ पड़े। कन्फ्यूजन की स्थिति में वह क्रीज के बाहर ही रह गए और क्रुणाल पंड्या के सटीक थ्रो पर धोनी ने गिल्लियां बिखेर दीं। उन्होंने 37 गेदों में 37 रन बनाए। एश्टन टर्नर (0) को क्रुणाल पंड्या ने बोल्ड करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम को 5वां झटका दे दिया। अब मेहमान टीम दबाव में आ गई। 

भारतीय पारी: राहुल का पचासा, स्कोर 126/7
इससे पहले सलामी बल्लेबाज केएल राहुल के अर्धशतक की मदद से पहले नौ ओवरों में 76 रन जुटाने वाला भारत महेंद्र सिंह धोनी की धीमी बल्लेबाजी के कारण आखिरी के 11 ओवरों में केवल 50 रन ही बना सका। इस तरह से वह 7 विकेट पर 126 रन तक ही पहुंच पाया। शिखर धवन को विश्राम दिए जाने के कारण अंतिम एकादश में जगह बनाने वाले राहुल ने 36 गेंदों पर छह चौकों और एक छक्के की मदद से 50 रन बनाए। उन्होंने कप्तान विराट कोहली (17 गेंदों पर 24 रन) के साथ दूसरे विकेट के लिये 55 रन जोड़े। 

भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने तीसरे ओवर में ही रोहित शर्मा (आठ गेंदों पर पांच रन) का विकेट गंवा दिया, जिन्होंने बेहरनडॉर्फ की गेंद पर स्कूप करने के प्रयास में शॉर्ट फाइन लेग पर आसान कैच दिया। भारत ए की तरफ से दो अर्धशतकीय पारियां खेलकर फॉर्म में लौटे राहुल ने तेज गेंदबाज जे. रिचर्डसन की लेंथ और धीमी गेंदों पर लगाए गए चौके और स्पिनर जाम्पा के सिर के ऊपर से लगाए गए छक्के से अपनी लय दिखाई। 

यूं गिरे विकेट 
कोहली अपने फ्लिक, ड्राइव और स्लैश का ज्यादा देर तक प्रदर्शन नहीं कर पाए। जंपा की गेंद पर फ्लिक करके वह लांग आन पर कैच दे बैठे जबकि उनकी जगह लेने के लिए उतरे ऋषभ पंत (पांच गेंद पर तीन रन) अपनी ही गलती से रन आउट हो गए। राहुल ने 9वें ओवर की आखिरी गेंद पर छक्का लगाया था और इसके बाद गेंद बाउंड्री के बाहर जाने के लिए तरस गई। राहुल ने 35 गेंदों पर अपने टी20 अंतरराष्ट्रीय करियर का पांचवां अर्धशतक पूरा किया, लेकिन वह इसके तुरंत बाद कूल्टर नाइल की गेंद हवा में खेलने के प्रयास में मिडऑफ पर आसान कैच दे बैठे। कूल्टर नाइल ने इसी ओवर में नए बल्लेबाज दिनेश कार्तिक (तीन गेंदों पर एक रन) की गिल्लियां बिखेरकर भारत को बैकफुट पर भेजा। 

धोनी की धीमी पारी 
क्रुणाल पंड्या (छह गेंद पर एक रन) और उमेश यादव (चार गेंद पर दो रन) आउट होने वाले अगले बल्लेबाज थे, जबकि धोनी पूरे समय रन बनाने के लिए जूझते हुए दिखे। उन्होंने इस बीच कई बार एक रन भी नहीं लिया। पिच धीमी थी लेकिन धोनी ने बेहद धीमी बल्लेबाजी करके दर्शकों को निराश किया। उन्होंने 11वें ओवर के शुरू में क्रीज पर कदम रखा और आखिर तक टिके रहे, लेकिन उनके बल्ले से केवल एक छक्का निकला। धोनी ने यह छक्का भी 20वें ओवर में लगाया। उन्होंने 29 रन बनाये लेकिन इसके लिए 37 गेंदें खेली। धीमी बल्लेबाजी के लिए पहले भी आलोचकों के निशाने पर इस विकेटकीपर बल्लेबाज का स्ट्राइक रेट 78.37 रहा। 

नाइल ने झटके 3 विकेट 
नाथन कूल्टर नाइल ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने चार ओवर में 26 रन देकर तीन विकेट लिये। जैसन बेहरनडॉर्फ (16 रन देकर एक), पैट कमिंस (19 रन देकर एक) और एडम जाम्पा (22 रन देकर एक) ने उनका अच्छा सहयोग दिया। 

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