रैगिंग की शिकायत मिलते ही आरोपी छात्र को कॉलेज से तुरंत निष्कासित

भोपाल
 प्रदेश के उच्च शैक्षणिक संस्थानों में साल दर साल बढ़ रही रैगिंग की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य विधि आयोग की सिफारिश पर सरकार ने िप्रवेंशन ऑफ रैगिंग एक्ट बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। आयोग ने सरकार को एंटी रैगिंग कानून का पूरा ड्राफ्ट बनाकर दे दिया है।

जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में यह विधेयक लाया जा सकता है। इसमें सख्त प्रावधान यह किया गया है कि रैगिंग की शिकायत मिलते ही आरोपी छात्र को कॉलेज से तुरंत निष्कासित और प्रारंभिक जांच में ही शिकायत सही पाने जाने पर छात्र को संस्थान से बर्खास्त कर दिया जाएगा। इसके बाद अगले तीन साल तक आरोपी छात्र को देश के किसी भी संस्थान में प्रवेश नहीं मिल सकेगा। ‘मप्र प्रोहिबिटेशन ऑफ रैगिंग एक्ट 2019’ का ड्राफ्ट विधि आयोग के अध्यक्ष रिटायर्ड हाईकोर्ट जस्टिस वेदप्रकाश ने तैयार किया है।

प्रस्तावित कानून की सख्त जरूरत को लेकर आयोग ने ‘प्रीवेंशन अॉफ रैगिंग इन एजुकेशनल इंस्टीट्यूट अॉफ मध्यप्रदेश’ नाम से एक डिटेल रिपोर्ट विधि विभाग के माध्यम से उच्च शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और गृह विभाग को भी भेजी है। विधि विभाग के प्रमुख सचिव सतेंद्र कुमार सिंह के मुताबिक 31 मई 2019 को सौंपी गई इस रिपोर्ट में सरकार से जनहित और प्रदेशहित में आगामी शैक्षणिक सत्र से पहले कानून बनाने पर गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया है।

जस्टिस वेदप्रकाश ने अपनी रिपोर्ट में रैगिंग कानून के प्रस्ताव का आधार सुप्रीम कोर्ट के यूनिवर्सिटी ऑफ केरल बनाम काउंसिल ऑफ प्रिंसिपल्स अॉफ कॉलेज इन केरला एंड अदर्स मामले में 2009 में दिए फैसले और मई 2007 की राघवन कमेटी की एंटी रैगिंग से जुड़ी रिपोर्ट को आधार बनाया है। इसके अलावा आयोग ने बीते 10 साल में देशभर में हुई रैगिंग की 211 घटनाओं की मीडिया रिपोर्ट के आधार पर विश्लेषण कर यह निष्कर्ष निकाला है कि यह गंभीर अपराध है, जिसे बिना सख्त कानून खत्म नहीं किया जा सकता।

प्रस्तावित कानून के प्रावधान

    एफआईआर के बाद गिरफ्तारी होगी और जमानत सिर्फ कोर्ट से ही हो सकेगी।
    शिकायत के तत्काल बाद आरोपी का कॉलेज से निष्कासन और प्रारंभिक रिपोर्ट में दोषी मिलते ही बर्खास्तगी हो जाएगी।
    पुलिस अन्य अपराधों की तरह ही ऐसे केसों में अदालत में चार्जशीट दायर करेगी।
    कोर्ट से दोष सिद्ध होने पर आरोपी को 3 साल के लिए देश के किसी भी शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश का अपात्र घोषित कर दिया जाएगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *