रूस-ईरान पर शर्त रखने आए पॉम्पियो, भारत-अमेरिका दोस्ती के लिए अहम हफ्ता

नई दिल्ली 
भारत-अमेरिका के आपसी संबंधों के लिहाज से यह हफ्ता बेहद अहम रहनेवाला है। मंगलवार देर रात अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो भारत के दो दिन के दौरे पर पहुंचे, जबकि शुक्रवार को जापान में जी-20 समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बीच की द्विपक्षीय वार्ता होने वाली है। ये मुलाकातें ऐसे दौर में हो रही हैं, जब ग्लोबल डिप्लोमेसी बहुत नाजुक दौर से गुजर रही है। इसका असर सामरिक और आर्थिक दोनों मोर्चों पर पड़ना तय है। भारत के सामने तमाम ताकतों के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती है। 
 
अमेरिकी विदेश मंत्री ने भारत आने से पहले कहा कि इस दौरे में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि एक वैश्विक गठजोड़ बने, जो सामरिक रूप से एकजुट हो। ना सिर्फ संपूर्ण खाड़ी क्षेत्र के देश, बल्कि एशिया और यूरोप तक एक बड़ा गठजोड़ बने, जो कि मौजूदा समय की चुनौती को समझे और आतंक के दुनिया के सबसे बड़े प्रायोजक के खिलाफ कदम उठाने के लिए तैयार हो। 

हाल में जारी ग्लोबल ट्रेड वॉर के बीच भारत और अमेरिका दोनों ने अपनी चालें चलीं। अमेरिका ने भारत से तरजीह देने वाला दर्जा छीना, तो भारत ने भी अमेरिकी प्रॉडक्ट पर टैक्स बढ़ा दिए। ट्रंप प्रशासन चाहता है कि भारत उसके हिसाब से न सिर्फ व्यापार करे बल्कि दूसरे देशों के साथ रिश्ते भी उनके मुताबिक ही आगे बढ़ाए। खासकर ईरान को लेकर ट्रंप सरकार ने बेहद सख्त रवैया अपना रखा है। लेकिन भारत ने अपरोक्ष रूप से संदेश दे दिया कि अपने हितों के हिसाब से ही वह संतुलन बनाने की रणनीति के तहत आगे बढ़ेगा। साथ ही अमेरिकी प्रशासन को भी यह भी संदेश दे दिया गया कि भारत के बाजार की उपेक्षा करने से भारत से अधिक अमेरिका का अधिक नुकसान होगा। जाहिर है, इन हालात में अमेरिकी विदेश मंत्री के भारत दौरे और ट्रंप-मोदी की मुलाकात पर सबकी नजर रहेगी। 

क्या चाहता है अमेरिका 
ईरान से कच्चा तेल न खरीदे भारत
रूस से एस 400 का करार रद्द कर अमेरिकी विमान खरीदे
भारत में हुवेई पर प्रतिबंध लगे
सोशल मीडिया और इंटरनेट मुहैया कराने वाली कंपनियों पर भारत में लाइसेंस लेने का दबाव न हो
अमेरिकी प्रॉडक्ट पर टैक्स की दरों में भारी रियायत मिले

भारत की चाहत यह है 
एच-1 बी वीजा मामले में भारत की जरूरतों को पूरा किया जाए
ट्रेड वॉर के बीच भारत को मिलने वाली तमाम रियायतों को वापस न लिया जाए
पाकिस्तान पर अमेरिका और सख्ती बरते
धार्मिक स्वतंत्रता पर जिस तरह की एकतरफा रिपोर्ट पेश हुई, उससे बचा जाए
मेक इन इंडिया के तहत भारत में अमेरिका अपना निवेश बढ़ाए

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *