रीवा में तिवारी परिवार को सातवीं बार लोकसभा चुनाव में टिकट

 रीवा

 रीवा की राजनीति में दो परिवार ही ऐसे रहे हैं जिन्हें लंबे समय तक संगठन और जनता ने अवसर दिया है। रीवा किला के बाद श्रीनिवास तिवारी का ही परिवार ऐसा रहा है जिसे कई बार चुनाव लडऩे का अवसर मिला है और जनता ने जीत भी दिलाई है।
लोकसभा चुनाव में यह सातवां अवसर होगा जब तिवारी परिवार को टिकट दी गई है। इसके पहले 1991 में श्रीनिवास तिवारी स्वयं मैदान में थे तो इसके बाद 1996 से 2014 तक जितने भी लोकसभा चुनाव हुए उसमें 1998 को छोड़कर सबमें कांग्रेस की ओर से सुंदरलाल तिवारी प्रत्याशी रहे। इसके अलावा तीन दशक से इसी परिवार पर कांग्रेस का भरोसा रहा है। अब 2019 के चुनाव में तीसरी पीढ़ी के सिद्धार्थ तिवारी को अवसर मिला है। 1999 के चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर सुंदरलाल तिवारी को जीत भी मिली थी। विधानसभा का चुनाव तो परिवार के अन्य सदस्य भी कई बार लड़ चुके हैं। इस परिवार के अलावा रीवा किला ही ऐसा रहा है जहां की तीन पीढिय़ां लगातार राजनीति में सक्रिय रही हैं।

दादा और पिता के पदचिन्हों पर चलेंगे सिद्धार्थ
कांग्रेस पार्टी से लोकसभा के लिए प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद सिद्धार्थ तिवारी ने दादा श्रीनिवास और पिता सुंदरलाल तिवारी के छायाचित्रों पर माल्यार्पण कर आशीर्वाद लिया। सिद्धार्थ ने कहा कि जनता की सेवा जिस तरह से परिवार की दो पीढिय़ों ने किया है, उसे आगे बढ़ाने का काम करेंगे।

समर्थकों की लगी भीड़
बीत कुछ समय से अमहिया में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का पहले की तरह जमघट नहीं लग रहा था। बड़े नेताओं के निधन के बाद मायूषी का वातावरण था। टिकट की घोषणा होते ही यहां की रौनकता बढ़ गई। कार्यकर्ताओं ने जिंदाबाद के नारे लगाए और दावा किया है कि युवा चेहरा उनका नेतृत्व करेगा और बड़े अंतर से जीत दर्ज करेंगे।

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