रिलायंस को Q4 में 10,362 करोड़ का मुनाफा

नई दिल्ली
तेल से लेकर टेलिकॉम क्षेत्र की दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) का वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में शुद्ध मुनाफा साल दर साल आधार पर 9.79 फीसदी बढ़कर रेकॉर्ड 10,362 करोड़ रुपये रहा। बाजार पूंजीकरण के आधार पर देश की सबसे बड़ी कंपनी आरआईएल को पिछले साल की समान तिमाही में 9,438 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। चौथी तिमाही में कंपनी की कुल आय 19.40 फीसदी बढ़कर 1,54,110 करोड़ रुपये रही। साल दर साल आधार पर इसमें 24,047 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। कंपनी के खुदरा कारोबार का मुनाफा 77 फीसदी बढ़कर 1,923 करोड़ रुपये और दूरसंचार क्षेत्र का मुनाफा 78.3 फीसदी बढ़कर 2,665 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

वित्तीय नतीजों पर टिप्पणी करते हुए रिलायंस के चेयरमैन एवं एमडी मुकेश अंबानी ने कहा, 'वित्त वर्ष 2019 में हमने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं और कंपनी को भविष्य का रिलायंस बनाने की दिशा में कई उल्लेखनीय प्रयास किए। रिलायंस रिटेल 1 लाख करोड़ रुपये की आय के आंकड़े को पार कर गया, जियो के 30 करोड़ से अधिक उपभोक्ता हो चुके हैं और हमारे पेट्रोकेमिकल्स के कारोबार ने अब तक की सर्वाधिक कमाई की है।'

रिलायंस जियो ने भी गाड़ा झंडा
कंपनी के मुताबिक, टेलिकॉम कंपनी रिलायंस जियो का चौथी तिमाही का मुनाफा 64.70 फीसदी बढ़कर 840 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 510 करोड़ रुपये था। जियो का वित्त वर्ष 2018-19 में शुद्ध लाभ 2,964 करोड़ रुपए रहा। कंपनी का वित्त वर्ष 2018-19 का EBITDA 15,102 करोड़ रुपए रहा जो पिछले साल के मुकाबले 2.25 गुना ज़्यादा है, जबकि EBITDA मार्जिन 38.9% रहा। जियो का चौथी तिमाही का EBIDTA 4,053 करोड़ रुपए रहा, जो पिछली तिमाही से 13.4% ज़्यादा है और EBITDA मार्जिन 39% रहा। वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में जियो का प्रति उपभोक्ता राजस्व (ARPU) 126.2 रुपये रहा जो संभवत: सबसे अधिक है।

चौथी तिमाही में कंपनी के नेटवर्क पर जबर्दस्त गतिविधियां रहीं। जियो के ग्राहकों ने औसतन हर महीने 10.9 GB डेटा का इस्तेमाल किया और 823 मिनट वॉयस कॉल की। कंपनी लगातार ग्राहक जोड़ रहा है और वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में इसने 2 करोड़ 66 लाख ग्राहक जोड़े। कंपनी के ग्राहकों ने चौथी तिमाही में 956 करोड़ GB वायरलेस डेटा का उपयोग किया। जियो के ग्राहकों ने कुल 72,414 करोड़ मिनट बात की

रिटेल में भी कमाल
कंपनी के मुताबिक, रिटेल कारोबार की आय में पिछले साल की तुलना में 89% का उछाल आया है, जो वित्त वर्ष 2018-19 में 1,30,566 करोड़ रुपये पर था। रिटेल के 6,600 से अधिक शहरों में 10,415 स्टोर हैं, जिनका एरिया 22mn sqft से अधिक है। वार्षिक रिटेल बिजनस EBIT में पिछले साल के मुकाबले 169% का जबरदस्त उछाल देखने को मिला। वित्त वर्ष 2018-19 में यह 5,546 करोड़ रुपये रहा। रिलायंस इंडस्ट्रीज के रिटेल बिजनस का चौथी तिमाही का EBIT 1,923 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के मुकाबले 77.1% ज्यादा है। रिटेल बिजनस में 2018-19 की चौथी तिमाही का EBIT मार्जिन 4.7% रहा, जो पिछले साल 3.9% था।

पेट्रोकेम में भी धमाल
2018-19 की चौथी तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज का ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन $8.2/bbl रहा, जो सिंगापुर कॉम्प्लेक्स मार्जिन बेंचमार्क से $5.0/bbl ज्यादा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज का 2018-19 का वार्षिक रिफाइनिंग सेगमेंट EBIT 19,868 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2018-19 में वार्षिक पेटकेम सेगमेंट EBIT पिछले साल के मुकाबले 51.9% बढ़कर 32,173 करोड़ रुपये के रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2018-19 का सालाना पेटकेम मार्जिन 18.7% रहा, जबकि पिछले वर्ष यह 16.9% था। वित्त वर्ष 2018-19 में 37.7 मिलियन टन पेटकेम प्रोडक्शन हुआ, जो अभी तक का सबसे अधिक पेटकेम प्रोडक्शन है और पिछले वर्ष की तुलना में यह 16% अधिक है।

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