रिछावर के ऐतिहासिक शिव मंदिर में खुदाई से मिली 50 अधिक देवी प्रतिमाएं हो रही है खंडित

रायसेन
जिले के उदयपुरा तहसील अंतर्गत थालादिघावन ग्राम के पास ग्राम पंचायत के गांव रिछावर में 11 वी 12वीं सदी के ऐतिहासिक शिव मंदिर के चारों तरफ दो वर्ष पहले खुदाई कर पुरातत्व विभाग ने 50 से अधिक छोटी बड़ी देवी देवताओं की खोज की थी, जिसमें से कुछ प्रतिमाएं पुरातत्व विभाग ने ग्राम पंचायत के जर्जर भवन में रख दी थी  और बाकी छोटी प्रतिमाएं मंदिर परिसर में लावारिस हालत में पड़ी हुई है।

संरक्षण और देखरेख के अभाव में बारिश के पानी में लावारिस हालत में पड़ी हुई है।हैरत की बात ये है कि जागरूक ग्रामीणों के ध्यान दिलाएं जाने के बाद भी पुरातत्व विभाग इनकी सुध नहीं ले रहा है। जानकारी के अनुसार दो वर्ष पहले पुरातत्व विभाग ने मंदिर के चारों ओर खुदाई कर करीब दो से पांच फीट हाडट की 50 से अधिक देवी देवताओं की प्रतिमाएं निकाली थी। खुदाई में मंदिर का आर्च भी निकाला और जिस पर पूरा मंदिर निकाला और जिस पर पूरा मंदिर टिका है।

हमारे थालादीघावन प्रतिनिधि यशपाल  लोधी  के अनुसार इन प्रतिमाओं को संरक्षित रखने के लिए विभाग ने संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव किया था। लेकिन यहां दो वर्ष से आज तक वापिस कोई भी पुरातत्व विभाग ने वापिस आया। यहां प्रस्ताव कागजों में ही दबा है। बहरहाल मंदिर और प्रतिमाओ की सुध नहीं लेने से ग्रामीणों व ग्राम के सरपंच चिंतित है। गांव के सरपंच व ग्रामीण की इच्छा है कि ये धरोहर गांव से बाहर न जाए । जिसको लेकर काई बार ग्रामीण और सरपंच भोपाल स्थित पुरातत्व विभाग के अधिकारियों से मिला चुके हैं पर आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला है। जिसकी अधिकारियों ने बताया कि गांव में ही स्थल संग्रहालय बनाने की शासन से मंजूरी मिल गई है। परंतु दो वर्ष बाद भी संग्रहालय भवन बनाने कोई बात आज तक नही दिखाई दे रही है।

ग्राम पंचायत रिछावर में भी बैठक के दौरान शिव मंदिर में निकली प्रतिमिओ को गांव में ही रखने व संग्रहालय निर्माण करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इसके बाद अपर कलेक्टर ने 31 दिसंबर 2016 को आयुक्त पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय भोपाल को एक पत्र जारी किया था। जिसमें उल्लेख किया गया था कि 26 नंबर 2016 को रिछावर गांव के शिव मंदिर के आसपास निकली प्रतिमाओं को गांव में ही संग्रहालय निर्माण कर उसमें प्रदर्शित किया जाना है। इस पत्र को पुरातत्व विभाग सर्वेक्षण मंडल भोपाल, एसडीएम बरेली व सरपंच ग्राम पंचायत रिछावर जनपद पंचायत उदयपुरा भेजा गया था। पर उसके बाद भी आज तक इस और किसी का ध्यान ही नहीं गया है।

वहीं रिछावर गांव के शिव मंदिर में खुदाई के दौरान दो वर्ष पहले बड़ी संख्या में प्राचीन प्रतिमाएं निकली थी। उनकी पुरातात्विक धरोहर के संरक्षण की पहल पूर्व कमिश्नर अजात शत्रु ने की थी। लेकिन उनके जाने के बाद पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया और तब से लेकर आज तक यह धरोहर अपनी पहचान कायम रखने के लिए संधर्ष करती नजर आ रही है।

हालांकि रिछावर गांव के जनप्रतिनिधियों ने शिव मंदिर के आसपास खुदाई में निकली बेशकीमती प्रतिमाओं को सहेजने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। विगत दिनों जनप्रतिनिधियों ने पुरातत्व विभाग की डिप्टी डायरेक्टर गीता सावरकर से भी मुलाकात कर क्षेत्र में पुरातात्विक संपदा को सहेजने की मांग की थी। जिसके बाद डिप्टी डायरेक्टर ने कलेक्टर व जिला पुरातत्व विभाग से पत्र के माध्यम से रिछावर गांव में खुदाई में निकली प्रतिमाओं को सहेजने व गांव में संग्रहालय निर्माण के लिए एस्टीमेट मांगा था। जिससे की गांव में संग्रहालय निर्माण के लिए राशि स्वीकृत करने कि प्रक्रिया शुरू की जा सके। इसका एस्टीमेट देने के बाद भी आज तक राशि स्वीकृत नहीं हुई है।

हालांकि गोरखपुर की 65 किमी लंबी दीवार व रिछावर गांव में निकली प्रतिमाओं को संरक्षित करने का मुद्दा जिला योजना समिति की बैठक में भी कई बार उठाया जा चुका है। और कई बार जीणोद्धार की मांग कर प्रस्ताव भी रखें गए थे। लेकिन आज तक कोई पहल नहीं हुई है।

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