राहुल गांधी ने PMO को बताया, कितनी होनी चाहिए देश में पेट्रोल की कीमत

नई दिल्ली

ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने की सरगर्मी के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय को ट्वीट करते हुए कहा है 'पेट्रोल की कीमतों में गिरावट आ रही है। इस पर ध्यान दिया जाए।' बता दें कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते कच्चे तेल में गिरावट देखने का मिल रही है। राहुल गांधी ने PMO को टैग करते हुए ट्विटर पर लिखा, 'सरकार ने शायद नोटिस नहीं किया है कि अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दामों में 35 फीसदी की कमी हुई है।' राहुल ने आगे लिखा है, 'पेट्रोल की कीमतों को 60 रुपये प्रति लीटर से कम करके आम लोगों को इसका फायदा मिलना चाहिए।'

 

सऊदी अरब के रूस के साथ प्राइस वार शुरू हो गया है। इसके चलते कच्चे तेल में पिछले दिनों बड़ी गिरावट आई और ब्रेंट का भाव 31 डॉलर के करीब पहुंच गया। इस साल क्रूड में 42 फीसदी गिरावट आ चुकी है। कोरोना वायरस के चलते भी दुनियाभर में कच्चे तेल की मांग गिरी है। इसके चलते, पिछले 2 माह में पेट्रोल 5.90 रुपये प्रति लीटर व डीजल 6.62 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो चुका है।

 

आठ माह में पहली बार 71 रुपये प्रति लीटर से नीचे

 

कच्चे तेल की वैश्वि कीमतों में लगातार गिरावट के बीच स्थानीय बाजार में पेट्रोल का भाव सोमवार को आठ महीने में पहली बार 71 रुपये प्रति लीटर से नीचे पहुंच आ गया। सऊदी अरब और रूस के बीच कच्च तेल बाजार में कीमत युद्ध छिड़ने से सोमवार को कच्चा तेल अंतराष्ट्रीय वायदा बाजार में 31 प्रतिशत तक टूट गया था। वर्ष 1991 के खाड़ी युद्ध के कच्चे तेल की कीमतों में यह सबसे बड़ी गिरावट है।

 

मार्च में कुल इतना सस्ता हो चुका है पेट्रोल

 

अगर एक मार्च से 11 मार्च तक पेट्रोल के रेट की बात करें तो दिल्ली में यह 1.42 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो चुका है। वहीं कोलकाता में 1 रुपया 40 पैसा, मुंबई में 1 रुपया 41 पैसा और चेन्नई में एक रुपया 49 पैसा प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत में कमी आई है। वहीं बुधवार को डब्ल्यूटीआई क्रूड और ब्रेंट क्रूड की कीमतों में करीब 4.5 फीसदी की जोरदार रिकवरी के साथ कारोबार हो रहा है। WTI Crude और ब्रेंट क्रूड में क्रमश: 36 डॉलर प्रति बैरल और 39 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार दर्ज किया जा रहा है। बीते सत्र में MCX पर कच्चा तेल मार्च वायदा 40 रुपये की मजबूती के साथ 2,498 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था।

 

तो इसलिए 60 रुपये प्रति लीटर नहीं हो पा रहा पेट्रोल

कच्चे तेल की कीमत में एक डॉलर की कमी से भारत का आयात बिल 2,936 करोड़ रुपये कम होता है। इसी तरह डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में एक रुपये प्रति डॉलर का बदलाव आने से भारत के आयात बिल पर 2,729 करोड़ रुपये का अंतर पड़ता है। तेल कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि देश के आयात बिल पर अगले वित्त वर्ष की शुरुआत में अप्रैल में फर्क पड़ सकता है, लेकिन वह तेल और मुद्रा बाजार में अनिश्चिता के चलते इसके बारे में कोई सही अनुमान नहीं लगा सकते हैं।

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