रायपुर नगर निगम की MIC जल्द हो सकती है भंग

रायपुर 
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की नगर निगम की एमआईसी भंग की जा सकती है. इस संबंध में बैठक सोमवार को रखी गयी थी जिसे रद्द कर दिया गया है. इस बैठक में महापौर प्रमोद दूबे एमआईसी भंग करने का फैसला ले सकते थे. अफसरों द्वारा बजट पर काम नहीं किये जाने की वजह से बैठक रद्द करने की बात की जा रही है. ऐसा माना जा रहा है कि हफ्तेभर में एमआईसी को भंग भी किया जा सकता है.

दरअसल विधानसभा चुनाव के दौरान रायपुर ग्रामीण, रायपुर उत्तर और पश्चिम के कांग्रेसी विधायकों ने चुनाव कार्य के दौरान सहयोग नहीं करने को लेकर चार एमआईसी सदस्यों और कुछ पार्षदों के खिलाफ प्रदेश संगठन और दिल्ली में आला नेताओं को इसकी शिकायत की गई थी. इसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए मेयर एमआईसी भंग करने पर विचार कर रहे है.

बता दें कि विधानसभा चुनाव के बाद से ही कुछ एमआईसी सदस्य विधायकों के निशाने पर है. इसके लिए बकायदा प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं की बैठक कांग्रेस ने बुलायी गई थी. बैठक में विधायकों ने कांग्रेस के पार्षद और कुछ कार्यकर्ताओं की नामजद शिकायत करते हुए भीतरघात का आरोप लगाया था. इनमें कुछ एमआईसी सदस्यों के भी नाम शामिल थे जो विधानसबा टिकट के प्रबल दावेदार थे और टिकट नहीं मिलने से वे पार्टी से नाराज भी थे.

पार्टी द्वारा समझाने और मनाने पर भी वे नहीं माने और चुनाव में पार्टी का साथ नहीं दिया. अगर एमआईसी भंग होती है तो चार सदस्यों को वहां दोबारा जगह नहीं मिलेगी. सूत्रों के मुताबिक इन एमआईसी सदस्यों में अनवर हुसैन, अजीत कुकरेजा, राधेश्याम विभार और एमआईसी सदस्य दिशा धोतरे के पारिवारिक सदस्य और कांग्रेस नेता राकेश धोतरे का नाम शामिल है.

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