राज्य में तेन्दूपत्ता संग्रहण जोरों पर सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध तेन्दूपत्ता की धर-पकड़ तेज

रायपुर
राज्य में तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य सभी जिलों में तेजी से चल रहा है एवं 23 मई 2019 तक संग्रहण लक्ष्य का लगभग 70 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर 13 लाख 50 हजार मानक बोरों का संग्रहण कर लिया गया है।

अभी तक अग्रिम में विकत 580 लाटों में लगभग 90 प्रतिशत लक्ष्य पूरा करते हुए आठ लाख 75 हजार मानक बोरे संग्रहित किए जा चुके हैं। इसी तरह अविकित 374 लाटों में पांच लाख मानक बोरे संग्रहित किए जा चुके हैं। इस वर्ष तेन्दूपत्ते की दर में अत्यधिक वृद्धि होने के कारण उत्साहपूर्वक ग्रामीणों के द्वारा तेन्दूपत्ते का संग्रहण किया जा रहा है। तेन्दूपत्ता संग्रहण की दर 2500 रूपए से 4000 हजार रूपए प्रति मानक बोरा कर दिए जाने के कारण कई जिलों में नए संग्राहक संग्राहक कार्ड प्राप्त कर रहे हैं। लगभग 8 से 10 हजार अतिरिक्त संग्राहक कार्ड जिलों में जारी किए गए हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि ज्यादा से ज्यादा लोग तेन्दूपत्ता संग्रहण के कार्य में जुट रहे हैं।

 तेन्दूपत्ता संग्रहण में सबसे अच्छा प्रगति बस्तर संभाग के सभी जिलों में देखी जा रही है। बस्तर संभाग के जगदलपुर वृत्त में अग्रिम में विकित लाटों में निर्धारित लक्ष्य से अधिक संग्रहण हुआ है। जगदलपुर वृत्त के अंतर्गत सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा एवं जगदलपुर जिलों में अग्रिम में विकित 70 लाटों में संग्रहण लक्ष्य एक लाख 11 हजार मानक बोरे के विरूद्ध एक लाख 26 हजार मानक बोरे एकत्र कर लिए गए हैं। इसी तरह कांकेर वृत्त के कांकेर, नारायणपुर एवं कोण्डागांव जिलों में विकित 126 लाटों में संग्रहण लक्ष्य दो लाख 14 हजार मानक बोरे के विरूद्ध दो लाख 16 हजार मानक बोरे तेन्दूपत्ता का संग्रहण हो चुका है।

जहां एक ओर बस्तर के जनजातीय इलाकों में तथा राज्य के अन्य क्षेत्रों में तत्परतापूर्वक एवं अत्यधिक उत्साह से तेन्दूपत्ते का संग्रहण प्रगति पर है। वहीं दूसरी ओर सीमावर्ती इलाकों में तेन्दूपत्ते की अवैध आवक की धर-पकड़ जोरों पर है, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं प्रबंध संचालक श्री राकेश चतुर्वेदी ने इस संबंध में बैठक लेकर तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी सभी वनमंडलाधिकारियों को समय पर पूर्व से ही सचेत कर दिया गया था। फलस्वरूप सभी जिलों में जहां छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा अन्य राज्यों से मिलती है। रात्रि गश्त लगाकर की जा रही है।

17 एवं 18 मई 2019 की दरम्यानी रात बलरामपुर जिले के रघुनाथपुर रेंज में उत्तरप्रदेश की सीमा से लगे हुए क्षेत्र में उत्तरप्रदेश से अवैध रूप से राज्य में तेन्दूपत्ते लाते हुए 25 से अधिक लोगों को पकड़ा गया एवं 10 से अधिक मोटर सायकिलें जप्त की गई है। पुनः दिनांक 21 मई 2019 को बलरामपुर जिले की धमनी रेंज के तारकेश्वर फड़ के पास उत्तरप्रदेश से टाटा मैजिक से 52 हजार गड्डियां अवैध रूप से परिवहन करते हुए पकड़ी गई। जिनका मूल्य दो लाख रूपए से भी अधिक है। इसी तरह बलरामपुर जिले के बलरामपुर रेंज के रामनगर कला गांव के पास झारखण्ड सीमा पर कन्हर नदी के पास अवैध रूप से तेन्दूपत्ता झारखण्ड से छत्तीसगढ़ लाते हुए 5 मोटर सायकिलें जप्त की गई है। इन सभी प्रकरणों में नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। वनमंडलाधिकारी बलरामपुर श्री विवेकानंद झा तथा अन्य अधिकारियों के द्वारा तेन्दूपत्ते के अवैध परिवहन को रोकने हेतु लगातार रात्रि गश्त किया जा रहा है।

राज्य में तेन्दूपत्ता संग्रहण समाप्ति की ओर है तथा आगामी एक सप्ताह के अंदर संग्रहण का कार्य पूर्ण होने की संभावना है। साथ ही साथ उपचारण एवं परिवहन का कार्य भी प्रगति पर है। प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ श्री राकेश चतुर्वेदी से सभी वनमंडलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि परिवहन तथा गोदामीकरण के दौरान तेन्दूपत्ते को किसी भी प्रकार से नुकसान से बचाने के सम्पूर्ण प्रयास किया जाए, ताकि अविकित तेन्दूपत्ते का अधिक से अधिक मूल्य प्राप्त हो सके।

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