रमन सरकार से कितनी अलग है भूपेश सरकार की चावल बांटने की योजना?

रायपुर 
छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में अहम निर्णय लिया है. सरकार ने फूड फॉर ऑल की धारणा के तहत प्रदेश के हर परिवार को रियायती दर पर हर महीने चावल उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. इससे पहले की रमन सरकार भी प्रदेश के गरीबी रेखा के नीचे के परिवार वालों को पीडीएस (पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम) के तहत रियायती दरों पर चावल व अन्य खाद्य सामग्री उपलब्ध कराती थी.

छत्तीसगढ़ में भाजपा पार्टी की सरकार में पीडीएस के तहत चावल बांटने की लागू योजना ने तब के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को प्रदेश में चाउर वाले बाबा के रूप में नई पहचान दिलाई. बीजेपी का दावा है कि इस योजना ने छत्तीसगढ़ की पहचान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कराई. प्रदेश में लागू होने के बाद दूसरे राज्यों ने भी इसे लागू किया. अब भूपेश सरकार ने चावल बांटने की इस योजना में परिवर्तन करने का निर्णय ले लिया है. ऐसे में जानते हैं कि रमन सरकार की चावल बांटने की योजना से भूपेश सरकार की चावल बांटने की योजना कितनी अलग है.

रमन सरकार की योजना के तहत नीला और गुलाबी रंग के राशन कार्ड धारकों को रियायती दर पर चावल दिया जाता था. इसके तहत नीला कार्ड पर परिवार के प्रत्येक सदस्य को सात किलोग्राम चावल प्रतिमाह व गुलाबी कार्ड पर 35 किलोग्राम चावल प्रति परिवार उपलब्ध कराया जाता था. सभी से 1 रुपये की प्रति किलोग्राम की दर से मूल्य वसूला जाता था. सरकारी राशन दुकानों में मिलने वाली इस सुविधा का लाभ गरीबी रेखा के नीचे के परिवार वालों को ही मिलता था.

पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के तहत ही भूपेश सरकार भी चावल बांटेगी, लेकिन इसमें कई अहम बदलाव किये गए हैं. इस योजना के दायरे में प्रदेश के सभी परिवारों को शामिल कर लिया गया है. यानी कि अब गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) वाले परिवारों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा. उन्हें भी रियायती दर पर प्रति माह चावल सरकार उपलब्ध कराएगी.

राज्य सरकार में खाद्य मंत्री मोह​म्मद अकबर ने बताया कि चावल वितरण प्रणाली में बदलाव किए गए हैं. बीपीएल कार्ड पर पहले की तरह एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से चावल उपलब्ध कराया जाएगा. जबकि योजना में नए शामिल किए जाने वाले एपीएल कार्ड पर 10 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से सरकार चावल उपलब्ध कराएगी.

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