रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से सेना प्रमुख ने की मुलाकात, लद्दाख की स्थिति की दी जानकारी

नई दिल्ली
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच चले आ रहे सैन्य गतिरोध के बीच जमीनी हालात का जायजा लेने के बाद वहां से लौटे सेना प्रमुख जनरल मनरोज मुकुंद नरवणे ने आज यहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को ताजा स्थिति की जानकारी दी। राजनाथ सिंह सिंह भी रूस दौरे से वापस आये हैं जहां उन्होंने रूसी नेतृत्व के साथ विभिन्न मुद्दों पर बैठक की और द्वितीय विश्व युद्ध के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित विक्टरी परेड में हिस्सा लिया। लद्दाख के दो दिन के दौरे पर गये जनरल नरवणे ने अस्पताल जाकर गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प के दौरान घायल हुए सैनिकों से मुलाकात की। उन्होंने चीनी सैनिकों के साथ 15 जून की रात गलवान में दो- दो हाथ करने वाले सैनिकों को सम्मान पत्र भी दिया। आपको बता दें कि चीनी सनिकों के साथ हुए इस झड़प में सेना के एक कर्नल सहित सेना के 20 सैनिक शहीद हो गये थे। झड़प में चीनी सेना के भी कई सैनिक हताहत हुए थे।

सूत्रों के अनुसार जनरल नरवणे ने राजनाथ सिंह को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले दिनों के घटनाक्रम , वहां की गतिविधियों और सेना की तैयारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। दो दिनों में सेना प्रमुख जनरल नरवाणे ने सैनिकों को निर्देश दिया था कि वे एलएसी पर सभी 65 बिंदुओं पर गश्त करें। तिब्बती सीमा पुलिस (ITBP)। पिछले एक सप्ताह में, ITBP बटालियन के साथ तिब्बत थिएटर के लिए प्रशिक्षित विशेष बलों की अधिक बटालियनों को यहां तैनात किया गया है। बीते 15 जून की रात गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सेना की झड़प में चीन के 40 से ज्यादा जवान या तो घायल हुए या मारे गए। वहीं भारत केे 20 जवान शहीद हुए। सैन्य सूत्रों ने जानकारी दी कि इससे पहले पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प वाले स्थान के पास भारत और चीन की सेनाओं के डिविजनल कमांडरों के बीच बैठक बेनतीजा रही। मेजर जनरल स्तरीय बातचीत में गलवान घाटी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को लागू करने पर चर्चा हुई । छह जून को दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में इसी पर सहमति बनी थी। इस घटना के बाद से भारत ने 3,488 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपने विशेष युद्ध बलों को तैनात किया है, जो कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के पश्चिमी, मध्य या पूर्वी सेक्टरों में किसी भी प्रकार के हमले से जूझ सकते हैं। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने पुष्टि की है कि भारतीय सेना को पीएलए द्वारा सीमा पार से किसी भी हरकत का आक्रामकता से एलएसी पर जवाब देने का निर्देश दिया है।
 

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