योगी सरकार 2022 विधानसभा चुनाव से पहले सारे एक्सप्रेसवे पूरा करेगी!

 नई दिल्ली 
योगी सरकार 2022 विधानसभा चुनावों को देखते हुए कई निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे को पूरा करने पर ध्यान दे रही है। इससे पहले 2017 के राज्य चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को अपनी सरकार की उपलब्धि बताकर वोट मांगे थे, जबकि 2007 में हुए विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री मायावती ने यमुना एक्सप्रेसवे को चुनावी मुद्दा बनाया था। 
 
योगी सरकार फिलहाल चार बड़ी परियोजनाओं पर काम कर रही है, जिन्हें वह 2022 में होने वाले चुनावों से पहले पूरा करना चाहती है। इनमें प्रोजेक्ट्स में सरकार की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे है। 341 किलोमीटर का यह एक्सप्रेसवे लखनऊ को अमेठी, आंबेडकर नगर, सुल्तानपुर, फैजाबाद, आजमगढ़ और मऊ होते हुए गाजीपुर से जोड़ेगा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस परियोजना के लिए अब तक 96 फीसदी जमीन खरीदी जा चुकी है। राज्य के प्रमुख सचिव अनूप चंद्र पांडेय और उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ अवनीश अवस्थी ने पिछले रविवार को संबंधित प्राधिकरणों को 15 जून तक बची हुई जमीन खरीदने का काम पूरा करने का निर्देश दिया। 

अवस्थी ने कहा, ‘हम मुख्य कैरिज-वे को अगस्त 2020 तक जनता के लिए खोलना चाहते हैं। एक्सप्रेसवे को गोरखपुर से जोड़ने के लिए 89 किलोमीटर का लिंक-वे भी बनेगा। इसके लिए जल्द ही ऑनलाइन बोली मंगाई जाएगी।’ दूसरी बड़ी परियोजना बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे है। यह एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड के पिछड़े जिलों जैसे बांदा, हमीरपुर, जालौन को ईटावा में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। 296 किलोमीटर के इस एक्सप्रेसवे के लिए लगभग 79 फीसदी जमीन खरीदी जा चुकी है और ऑनलाइन बोली भी इसी महीने मंगाई जा सकती है। सरकार इस परियोजना को 2021 तक पूरा करना चाहती है। 

योगी आदित्यनाथ ने इसी साल 29 जनवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ को प्रयागराज से जोड़ने वाली गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना की घोषणा की थी। 600 किलोमीटर की यह परियोजना मेरठ, ज्योतिबा फुले नगर, संभल, बदायूं, फर्रूखाबाद, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ जैसे जिलों को प्रयागराज से जोड़ेगी। इसके लिए आने वाले महीनों में सर्वे शुरू होने की उम्मीद है। 

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