योगी पर टिप्पणी मामलाः SC का आदेश- पत्रकार प्रशांत कनौजिया को फौरन रिहा करे यूपी सरकार

 
लखनऊ

 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के आरोप में पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को सुनवाई की। न्यायालय ने सुनवाई करते हुए टिप्पणी की है कि पत्रकार प्रशांत को गिरफ्तार ही क्यों किया गया। कोर्ट ने कहा कि ट्वीट के लिए गिरफ्तारी की क्या जरूरत थी? इसके साथ ही योगी सरकार को आदेश दिया है कि वह तुरंत प्रशांत को रिहा करे।

सुनवाई करते हुए कहा कि नागरिक की स्वतंत्रता और पराक्रम्य है। यह संविधान द्वारा दिया गया अधिकार है। इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता। पत्रकार को अभी जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए। सफाई देते हुए योगी सरकार ने कहा कि हमने प्रशांत की सारी टाइमलाइन देखी है, उन्होंने नेताओं ही नहीं देवताओं के खिलाफ भी ट्वीट किए हैं। कोर्ट ने योगी सरकार को आदेश देते हुए प्रशांत की तुरंत रिहाई की बात कही है।

बता दें कि प्रशांत कनौजिया ने कथित रूप से ट्विटर और फेसबुक पर एक वीडियो साझा किया था जिसमें मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर विभिन्न मीडिया संस्थाओं के संवाददाताओं के समक्ष एक महिला यह बोलते हुए दिखाई दे रही है कि उसने आदित्यनाथ के पास विवाह का प्रस्ताव भेजा है। इस संबंध में कनौजिया के खिलाफ हजरतगंज थाने में दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि आरोपी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की और उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया।  

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