यूपी सपा अध्यक्ष पद की रेस में ये नेता सबसे आगे, कईयों पर कार्रवाई की तैयारी

इलाहबाद 
बसपा और रालोद से गठबंधन के बाद भी लोकसभा चुनाव में 32 प्रत्याशियों की हार से समाजवादी पार्टी ने संगठन स्तर पर बड़े फेरबदल की कवायद शुरू कर दी है. चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद हार की वजहों पर मंथन भी शुरू हो गया है. सोमवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी नेताओं से अलग-अलग फीडबैक लिया. इस दौरान संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी मौजूद रहे.

कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव ने चुनाव में सुस्त रहे नेताओं पर नाराजगी जाहिर की. अब कई नेताओं पर एक्शन की तैयारी है. संगठन में बड़े स्तर की फेरबदल की शुरुआत भी हो चुकी है. अखिलेश यादव ने सपा के चारों फ्रंटल संगठन लोहिया वाहिनी, समाजवादी युवजन सभा, मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड और समाजवादी छात्रसभा को भंग करने का मन बना लिया है. इसके अलावा नए प्रदेश अध्यक्ष की भी तलाश शुरू हो गई है.

सूत्रों की मानें तो नए प्रदेश अध्यक्ष की रेस में सपा सरकार में मंत्री रहे ओमप्रकाश सिंह का नाम सबसे आगे चल रहा है. इसके अलावा अरविन्द सिंह गोप, कमाल अख्तर जैसे नेताओं का भी नाम अध्यक्ष पद की रेस में हैं.

समाजवादी पार्टी ने हार पर मंथन की शुरुआत पार्टी के मीडिया पैनेल को भंग कर कर दी थी. सोमवार को अखिलेश यादव ने पार्टी के प्रमुख नेताओं और विधायकों से अलग-अलग मुलाकात की. इनमें पूर्व मंत्री अहमद हसन, ओमप्रकाश सिंह, अरविन्द सिंह गोप, अवधेश प्रसाद, मनोज परस, योगेश प्रताप सिंह, पूर्व विधायक भीम प्रसाद सोनकर, एमएलसी उदयवीर सिंह, सुरेश यादव आदि ने अखिलेश से मिलकर उन्हें फीडबैक दिया. कहा यह भी जा रहा है कि कई नेताओं ने बसपा का वोट सपा प्रत्याशी को उम्मीद के मुताबिक ट्रांसफर न होने की बात भी कही.

गौरतलब है कि बसपा से गठबंधन के तहत सपा ने 37 सीटों पर चुनाव लड़ा था. लेकिन उसके पांच प्रत्याशी ही जीतने में कामयाब रहे. जबकि परिवार के ही तीन सदस्य पत्नी डिंपल यादव और दो चचेरे भाई अक्षय यादव और धर्मेंद्र यादव को हार का मुंह देखना पड़ा.

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