यूपी विधानसभा उपचुनाव: कांग्रेस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं ‘कैंट सीट’ को वापस जीतना

लखनऊ
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले 11 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव (By Election) में सभी सीटों पर विपक्षी दलों की लड़ाई बीजेपी (BJP) से है. इन 11 विधानसभा क्षेत्र में से लखनऊ कैंट (Lucknow Cantonment) सीट भी एक है. दरअसल कांग्रेस ने नया चेहरे के रूप में दिलप्रीत सिंह को उतारा है. कांग्रेस 2012 में जरुर ये सीट जीती थी, लेकिन उसमें रीता जोशी का प्रत्याशी होना भी अहम था. लखनऊ कैंट सीट पर पहाड़ और पंजाबी वोटरों की संख्या अच्छी-खासी है. इस सीट कांग्रेस दमखम लगा रही है. कांग्रेस के निशाने पर भी बीजेपी ही है.

लखनऊ कैंट सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी दिलप्रीत सिंह ने न्यूज18 से बातचीत में बताया कि पार्टी हाईकमान ने मुझपर भरोसा किया है तो मैं इस सीट को जीतकर वापस उनकी झोली में डालने का प्रयास करूंगा. उन्होंने कहा कि मैं अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हूं. दिलप्रीत सिंह कहते हैं कि मेरी लड़ाई किसी भी अन्य पार्टी के प्रत्याशियों से नहीं है. क्योकि मेरी लड़ाई क्षेत्र के विकास की है. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में विकास न होने से जनता त्रस्त हो चुकी है.

कांग्रेस प्रत्याशी ने बताया कि इस सीट पर वोटरों का रुझान साफ है, जो भी विकास करेगा उसकी को जीत मिलेगी. वहीं बीजेपी प्रत्याशी सुरेश तिवारी कहते हैं कि जनता चुनाव लड़ रही है. मुहर मोदी जी और योगी जी के नीतियों पर ही लगेगी. बाकी प्रत्याशियों को सुरेश तिवारी बाहरी बताते हैं.

समाजवादी पार्टी ने इस बार मेजर आशीष चतुर्वेदी सपा के प्रत्याशी हैं, जो सपाईयों के लिए भी नए हैं. सैनिक कल्याण संघ के भूतपूर्व अध्यक्ष मेजर आशीष भी गलियों की खाक छान रहे हैं. बीजेपी इनको बाहरी बता रही है, लेकिन दावे इनके भी कम नहीं हैं. मेजर आशीष चतुर्वेदी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. वहीं पहली बार बसपा भी उपचुनाव लड़ रही है. इस सीट पर बसपा ने अरुण द्विवेदी को अपना उम्मीदवार बनाया है. अरुण द्विवेदी अपनी दावेदारी मजबूत बता रहे है.

लखनऊ जिले की कैंट विधानसभा सीट में कुल 385341 मतदाता हैं. इनमें से 209870 पुरुष मतदाता और 175447 महिला मतदाता है. इस सीट पर 24 मतदाता ट्रांसजेंडर भी हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी को कुल 95402 वोट मिले थे जबकि समाजवादी पार्टी की अपर्णा यादव को कांग्रेस समर्थन के बाद 61606 वोट मिले थे. बीएसपी को 26036 हजार वोट मिले थे. कैंट की सीट परबीएसपी और सपा कभी जीत दर्ज नहीं करा पाई है. इस बार भी सबके अपने अपने दावे हैं लेकिन प्रदेश के सभी सीटों की तरह यहां भी विपक्षी पार्टी कोई भी हो, लड़ाई बीजेपी से ही है.

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