यूपी में प्राइमरी से लेकर यूनिवर्सिटी तक के टीचरों की होगी जांच 

 मेरठ 
अनामिका प्रकरण के बाद प्रदेश के विवि एवं कॉलेजों में कार्यरत सरकारी शिक्षक-कर्मचारियों की सर्विस बुक से लेकर प्रमाण पत्रों की जांच शुरू हो गई। प्राइमरी से उच्च शिक्षा तक के प्रमाण पत्रों की जांच 31 जुलाई तक पूरी होगी। कार्यरत शिक्षक-कर्मचारियों को निर्धारित प्रफोर्मा पर सर्विस बुक के रिकॉर्ड देने होंगे। कार्यरत शिक्षक-कर्मचारियों को अंगूठे के निशान भी देने होंगे। सरकार सर्विस बुक को डिजिटलाइज्ड फॉर्मेट में करने जा रही है।

31 जुलाई तक पूरी करें प्रमाण पत्रों की जांच :

शसन ने विवि को प्रमाण पत्रों की जांच 31 जुलाई तक पूरी करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश से प्राथमिक से उच्च शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों के प्रमाण पत्र संबंधित विवि में जांच को भेजे जाएंगे। विवि कमेटी बनाते हुए इन प्रमाण पत्रों की जांच करते हुए शासन को रिपोर्ट देंगे। अनामिका प्रकरण के बाद शासन ने प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक कार्यरत शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच कराने को एसआईटी गठित कर रखी है। 

खुलेगा फर्जीवाड़ा, हुई थी शिकायतें
प्रमाण पत्रों की जांच में चौ.चरण सिंह विवि के प्रमाण पत्रों पर नौकरी कर रहे लोगों का फर्जीवाड़ा खुल जाएगा। वर्ष 2008-2010 के बीच कई छात्रों ने उनके बिना सहमति के डिग्री के जारी होने की शिकायतें की थी। कई छात्र ऐसे भी थे जिन्होंने उनके नाम पर डिग्री निकलवाकर सरकारी नौकरी करने के आरोप लगाए थे। यह डिग्री ऐसे छात्रों के नाम पर निकली थी जिनके छात्र और पिता का नाम एकसमान थे। ऐसे में आशंका है कि फर्जी ढंग से छात्रों की डिग्री का प्रयोग किया गया हो। 

15 जुलाई तक मान्यता वाले कॉलेज काउंसिलिंग में
शासन ने बीएड के नए कॉलेजों को कोरोना संकट के चलते बड़ी राहत दी है। बीते वर्ष तक बीएड काउंर्सिंलग में केवल वही कॉलेज शामिल होते थे जिन्हें दस मई तक विवि से संबद्धता मिल चुकी हो, लेकिन इस वर्ष 15 जुलाई तक संबद्धता पाने वाले कॉलेज भी काउंर्सिंलग में शामिल हो सकेंगे। शासन के इस फैसले से नए कॉलेजों को बड़ी राहत मिल जाएगी। 

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