यूपी: आगरा के कोरोना हॉटस्पॉट का मॉडल पूरे देश में होगा लागू 

 लखनऊ आगरा 
केंद्र सरकार ने यूपी के आगरा में हॉटस्पॉट चिन्हित करने के मॉडल को पूरे देश में फॉलो करने को कहा है। देश में कोरोना का पहला क्लस्टर आगरा में सामने आया था। इसके बाद यहां पूरे इलाके को हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित करके काम किया  गया। बता दें कि आगरा में अब तक कोरोना पॉजिटिव संख्या 106 पहुंच चुकी है।रविवार सुबह ही 12 पॉजिटिव केस और मिले। वहीं अब तक जमाती और उनके संपर्क वाले 52 लोग कोविड 19 से पीडत हैं। 

कैसे बना आगरा मॉडल : 

प्रशासन ने सबसे अधिक कोरोना वायरस से पीड़ित मिलने वाले इलाकों को चिन्हित किया। यहां कई तरह के इंतजाम किए और कंटेनमेंट जोन बनाकर कोरोना को फैलने से रोका गया। दरअसल उस पूरे केस की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की गई। वह कहां-कहां गए किस-किस से मिले। इसके बाद हॉटस्पॉट और एपिसेंटर की पहचान की गई। इसे नक्शे पर दिखाया गया। 3 किलोमीटर को कंटेनमेंट जोन और 5 किलोमीटर को बफर जोन बनाया गया। हर एरिया का एक माइक्रोप्लान बनाया गया। 1248 टीमें बनाई गईं। इन्होंने 1.65 लाख घरों की स्क्रीनिंग की। इनमें से 25 सौ लोगों की पहचान की गई जिनमें कफ, सर्दी, बुखार जैसे लक्षण थे। 36 लोगों का यात्रा इतिहास था। सबकी जांच की गई। आगरा स्मार्ट सिटी केंद्र को बनाया वॉर रूम के रूप में इस्तेमाल किया गया।

कम हो गए हॉटस्पॉट इलाके : 

अभी तक आगरा में 33 हॉटस्पॉट क्षेत्र थे। इसमें शनिवार सुबह 5 इलाके और बढ़ाए गए। बाद में 9 कम कर 29 कर दिए गए।  इस तरह अब आगरा के 29 हॉटस्पॉट इलाकों में स्क्रीनिंग का काम शुरू किया गया। इसके लिए पूरे सुरक्षा बंदोबस्त के साथ मेडिकल और पैरामेडिकल टीम इन इलाकों में जाएगी।  इस टीम के साथ मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों की भी ड्यूटी लगाई गई है। शहर के सभी हॉटस्पॉट इलाकों में कोरोना के पॉजिटिव केस मिलने के कारण सबसे ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है।

नई रणनीति पर हो रहा है काम :

जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने इन इलाकों में नई रणनीति के तहत काम शुरू करने का निर्णय लिया है।  इन इलाकों में डॉक्टरों की टीम जाकर स्क्रीनिंग करेगी।  स्क्रीनिंग के दौरान किसी तरह का लक्षण पाए जाने पर उसे एंबुलेंस से सीधे जिला अस्पताल लाकर नमूना लिया जाएगा। इसके लिए सभी स्टाफ को पीपीई किट दे दी गई है। इन इलाकों के पर्यवेक्षण के लिए सभी अपर मजिस्ट्रेट एसडीएम और सीओ की ड्यूटी लगाई गई है। जिलाधिकारी ने बताया इसके पीछे उद्देश्य है कि उनके रहते ज्यादा से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग हो जाए। 

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