‘यह शरीर भी अब छूट जाये तो अफ़सोस नहीं,’ सपना पूरा हुआ’ -जयभान सिंह पवैया

ग्वालियर
 राम मंदिर आन्दोलन से जुड़े और बाबरी विध्वंस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भाजपा नेता और तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष बजरंग दल जयभान सिंह पवैया ने राम मंदिर पर आये सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।  फैसले के बाद भावुक हुए पवैया का कहना है कि मेरे पास ख़ुशी व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। मैं भावनाओं से भरा हुआ हैं। सच बात तो ये है कि अब यदि मेरा शरीर भी छूट जाए तो अफसोस नहीं होगा क्योंकि जिस सपने के लिए हम जी रहे थे वो अब पूरा हो गया है।

वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया के घर पर सुबह से समर्थकों की भीड़ थी। सभी को फैसले का इन्तजार था और जैसे ही फैसला आया वहां मौजूद लोग ख़ुशी से झूम उठे। वहां मौजूद लोगों ने मिठाई बांटकर एक दूसरे को बधाई दी। मीडिया से बात करते हुए जयभान सिंह पवैया ने कहा कि मेरे पास ख़ुशी व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। मैं भावनाओं से भरा हुआ हूँ। सच बात तो ये है कि अब शरीर छूट भी जाये तो अफ़सोस नहीं होगा क्योंकि मैं सोचता हूँ कि जिस भव्य राम मंदिर निर्माण के सपने को लेकर मेरे जैसे करोड़ों लोग एक एक पल जी रहे थे वो सपना आज पूरा हो गया। उन्होंने कहा कि जो सपना सरदार पटेल ने सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के साथ पूरा किया और इतिहास लिखा वैसा ही इतिहास लिखने का मौका न्यायालय ने केंद्र सरकार को सौंपा है। पवैया का कहना है कि ये किसी की जीत और हार का फैसला नहीं है ये जय पराजय का फैसला नहीं है ये भारत के सम्मान भारत के स्वाभिमान की विजय है। क्योंकि ये  हमारे देश की छाती पर खड़े विदेशी आक्रान्ता के निशान को मिटा  देने का फैसला है।मैं इस फैसले को उन ज्ञात और अज्ञात मृत पुण्यात्मा को श्रद्धांजलि मानता हूँ जिन्होंने इस सपने को पूरा होता देखने के लिए अपने प्राण बलिदान कर दिए।

पवैया ने देश के लोगों से अपील करते हुए कहा कि जिनके हक़ में फैसला आया है उन्हें वहां जन्मभूमि पर घी के दीपक जलाने और और ख़ुशी जताने का हक़ तो है लेकिन उन्हें ये ध्यान रखन होगा कि उनके इस कृत्य से अशांति नहीं फैले। उन्होंने कहा कि मैं फैसले के लिए सर्वोच्च अदालत का अभिनन्दन करता हूँ कि उसने सबूतों के आधार पर साफ़ सुथरा फैसला दिया है।

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