यहां हर समस्या का समाधान होता है डिजिटली, ये है UP का पेपरलेस गांव

मलिहाबाद 
 दशहरी आम के लिए मशहूर लखनऊ के मलिहाबाद तहसील का लतीफपुर अब पेपरलेस के साथ डिजिटल हो चुका है. ये गांव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को हकीकत में बदल रहा है. यहां राशन वितरण और पेंशन से लेकर शिकायत तक सभी काम पेपरलेस तरीके से किए जाते हैं.

लतीफपुर गांव में एंट्री करते ही घरों के छतों पर लगे वाईफाई रॉउटर आपको दिखेंगे. यह गांव पूरी तरीके से वाईफाई से लैस है. वाईफाई से बच्चे अपनी पढ़ाई में आ रही दिक्कतों को गूगल और यूट्यूब के जरिए सॉल्व कर देते हैं. बच्चों के साथ गांव की महिलाएं भी इंटरनेट का इस्तेमाल करती हैं.

पूरे गांव में लगभग हर घर के पास हाईमास सोलर स्ट्रीट लाइट लगी है, जिसकी वजह से ग्रामीणों को कम लाइट की रोशनी में नहीं रहना पड़ता और वहीं पढ़ने वाले बच्चों को एग्जामस में लाइट के भरोसे नहीं रहना पड़ता. गांव में दो बड़े सोलर जेनरेटर भी हैं, जो किसी खास अवसर जैसे की शादी, जन्मदिन और जागरण आदि के दिन इस्तेमाल किया जाता है.

लतीफपुर ग्राम पंचायत में शुद्ध पानी के लिए आरओ मशीन भी लगी हुई है, जिन ग्रामीणों को आरओ का पानी पीना होता है वो उसका इस्तेमाल करते हैं. ग्राम पंचायत लतीफपुर के सलाहकार अखिलेश सिंह का कहना है कि हर व्यक्ति का एक सपना होता है, मेरा सपना है कि मैं अपने गांव लतीफपुर को हंसता खेलता हुआ डिजिटल गांव बनाऊं.

लतीफपुर गांव के प्रधान के मुताबिक, गांव के लिए एक ऐप भी बना रखा गया है. इस ऐप का नाम लतीफपुर है. इसे जल्द ही प्ले स्टोर पर लॉन्च किया जाएगा. इस गांव ने प्लान-100 बनाया हुआ है, जिसमें एक व्यक्ति के बारे में सौ सूचनाएं होती हैं.

आंकड़ों के अनुसार, 2178 लोग लतीफपुर ग्राम पंचायत में हैं, जिनमें से 1129 लोगों को राशन मिल रहा हैं. 161 लोग ऐसे हैं, जो विभिन्न सरकारी योजना का लाभ पेंशन के तौर पर पा रहे हैं. वहीं 43 ऐसे लोग रहे हैं, जिनको सरकारी योजना के तहत आवास दिया गया है.

ग्राम प्रधान श्वेता सिंह ने बताया कि लतीफपुर गांव प्रदेश का पहला पेपरलेस ग्राम पंचायत है. यहां देश का सबसे बड़ा ग्राम पंचायत भवन बनाया गया है जो कि 21000 हजार स्क्वायर फिट का है. हम हर समस्या का डिजिटल तरीके से निवारण करते हैं. हम लोगों का व्हाट्सएप ग्रुप है. फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल भी है.

मुख्य विकास अधिकारी मनीष बंसल ने कहा कि लतीफपुर गांव में जितने भी अभिलेख हैं, सभी को ऑनलाइन किया गया है. एक ऑनलाइन वेबसाइट डेवलप्ड की गई है. वहां के सभी निवासियों का डेटाबेस भी रखा गया है. इसी गांव की तर्ज पर और गांवों को भी पेपरलेस बनाया जाएगा.

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