मोमबत्ती से घर में लगी थी आग, दम घुटने से 6 लोगों की मौत

गाजियाबाद
उत्तरांचल विहार कॉलोनी के एक मकान में मोमबत्ती से आग लगने के बाद दम घुटने से 6 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 5 बच्चे व 1 महिला शामिल है। सुबह जब बच्चों को स्कूल जाने के लिए उठाने उनके चाचा आए तो हादसे का पता चला। सीओ राजकुमार पांडेय ने बताया कि प्रथम दृष्टया मौत की वजह धुएं में दम घुटना ही लग रही है। परिवार के लोगों ने इसे हादसा बताते हुए पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया है।

हादसे की खबर मिलने के बाद मौके पर एसएसपी सुधीर कुमार सिंह व एसडीएम खालिद अंजुम भी पहुंचे। दोपहर बाद परिवार वाले शवों को मेरठ स्थित अपने पैतृक गांव जॉनी ले गए। वहीं एसडीएम अंजुम खालिद ने बताया कि मकान पक्का था। पीछे के कमरे मे रोशनदान भी काफी छोटा था, जो बंद था देर रात आग लगने से कमरे में धुआं भर गया और अंदर सो रहे सभी लोगों की दम घुटने से मौत हो गई।

मूलरूप से मेरठ के जॉनी गांव के रहने वाले वहाब अली के पांच बेटे हैं। ये सभी लोनी बॉर्डर एरिया की बेहटा हाजीपुर गांव स्थित उत्तरांचल विहार कॉलोनी में रहते हैं। सभी के मकान आसपास ही बने हुए हैं। परिवार के अनुसार, शनिवार को वहाब के बेटे आसिफ अपनी तीन बेटियों फातिमा (12 साल) सायमा (10 साल) और रुकइया (8 साल) को लेकर, जबकि राशिद अपने दो बेटों अब्दुल आजिम (5 साल) और अब्दुल आहद (8 साल) को लेकर अपनी भाभी व बच्चों की ताई परवीन (40 साल) के घर पर ले गए। बच्चों को भाभी के यहां छोड़कर आसिफ व राशिद किसी शादी में शामिल होने अपने गांव जॉनी चले गए। यहां इनके बड़े भाई व परवीन के पति यूसुफ पहले ही पहुंचे हुए थे।

जानकारी के अनुसार, बिजली का बिल जमा न करने के कारण रविवार को परवीन के घर का बिजली कनेक्शन विभाग ने काट दिया था। रविवार रात परवीन ने बच्चों संग खाना खाया और कमरे में रोशनी के लिए जलाई मोमबत्ती को फाइबर के कूलर पर रखकर सो गईं। मोमबत्ती से आग कूलर व गेट के पर्दे में लगी। इसके बाद आग दीवार पर लगी एलसीडी तक पहुंची। इससे तार भी जलने लगे। आग से कमरे में धुआं भर गया और अंदर सो रहे पांचों बच्चे समेत परवीन की दम घुटने से मौत हो गई।

बताया गया कि बच्चों के पापा राशिद व आसिफ रविवार रात मेरठ से लोनी आ गए थे। ठंड की वजह से रात को वे बच्चों को उठाने नहीं गए। सोमवार सुबह बच्चों का स्कूल में टेस्ट था। ऐसे में आसिफ बच्चों को उठाने परवीन के घर गए तो हादसे का पता चला। वह कमरे में घुसे तो सभी मृत मिले। उन्होंने फौरन पुलिस को सूचना दी।

परिवार के अनुसार, यूसुफ व परवीन का कोई बच्चा है। ऐसे में परवीन अपने देवरों के बच्चे को बहुत प्यार करतीं थीं। अक्सर बच्चे उनके पास रहते थे। काफी दिनों से ये बच्चे उनके घर नहीं आए थे। ऐसे में परवीन इन्हें कई दिनों से बुला रहीं थीं। वहीं शनिवार को आसिफ ओर राशिद को जब गांव जाना था तो उन्होंने बच्चों को भाभी के यहीं छोड़ दिया। पड़ोसियों ने बताया कि रात 9 बजे के आसपास बच्चों ने परवीन से कहा कि ताई हमारा कल एग्जाम है, हमें पढ़ना है इसलिए आप सो जाओ। परवीन मोमबत्ती को कूलर पर रखकर सो गईं, जबकि बच्चे पढ़ रहे थे। कुछ घंटे बाद बच्चों को भी नींद आ गई। वे मोमबत्ती बुझाना भूल गए। देर रात इसी मोमबत्ती से पूरे घर में आग लग गई।

हादसे का पता चलने के बाद नगर पालिका चेयरमैन रंजीता धामा, पूर्व चेयरमैन मनोज धामा, समाजवादी पार्टी के उम्मेद पहलवान व पूर्व विधायक जाकिर अली पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। रंजीता धामा ने एसडीएम अंजुम खालिद से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने की मांग की।

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