मोदी-शाह के इन बयानों पर कांग्रेस ने जताई है आपत्ति, चुनाव आयोग को लेना है फैसला

 
नई दिल्ली 
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार निर्वाचन आयोग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह द्वारा कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले बयानों या आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में कांग्रेस की शेष बची 9 शिकायतों पर निर्णय लेने के निर्देश दिए. शीर्ष कोर्ट 6 मई को इस मामले में सुनवाई करेगा.पीएम मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कई बयानों पर विपक्ष के नेताओं ने निर्वाचन आयोग से शिकायत की है.  

पीएम मोदी के खिलाफ शिकायत

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ को निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को बताया कि मोदी और शाह के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन के संबंध में कांग्रेस की 11 में से 2 शिकायतों पर फैसला किया जा चुका है. चुनाव आयोग पीएम मोदी को उनके भाषणों के लिए क्लीन चिट दे दी है.

इनमें से पहला भाषण पिछले महीने लातूर में दिया गया था जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं से अपना मत बालाकोट एयर स्ट्राइक के हीरो और पुलवामा हमले में मारे गए जवानों को समर्पित करने का अनुरोध किया था. दूसरा भाषण, 1 अप्रैल को वर्धा में दिया था जिसमें उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा केरल के एक संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने के संकेतों पर उन्हें आड़े हाथ लेते हुए कहा था कि इस सीट पर अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाता अधिक हैं.

इसी तरह चुनाव आयोग ने राजस्थान के बाड़मेर में एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री द्वारा यह कहे जाने पर पर कि 'क्या परमाणु बम दिवाली के लिए हैं' उन्हें क्लीनचिट दी.

असल में, कांग्रेस की सांसद सुष्मिता देव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ आयोग में 11 शिकायतें की थीं, लेकिन अभी तक सिर्फ 2 पर ही फैसला हुआ है. कांग्रेस ने चुनाव आयोग का रुख करके आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषणों में सशस्त्र बलों का बार-बार आह्वान करके आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया और पार्टी ने कुछ समय के लिए उन पर प्रचार करने से प्रतिबंध लगाने की मांग की थी.
सुष्मिता देव ने अपनी शिकायत में आयोग पर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ शिकायतों पर 'निष्क्रियता' बरतने का आरोप लगाते हुए इसे पक्षपातपूर्ण बताया था. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि बीजेपी नेता पिछले चार सप्ताह से लगातार आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर रहा है और निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस की 40 शिकायतों पर कोई निर्णय नहीं लिया है. याचिका में कहा गया था कि यह सर्वविदित है कि ये नेता लगातार वैमनस्य पैदा करने वाले भाषण दे रहे हैं और राजनीतिक प्रचार के लिए बार-बार सशस्त्र बलों का उपयोग कर रहे हैं जबकि निर्वाचन आयोग ने इसके इस्तेमाल पर स्पष्ट पाबंदी लगा रखी है.

योगी आदित्यनाथ को नोटिस

चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनकी कथित 'बाबर की औलाद' टिप्पणी को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है. संभल में 19 अप्रैल को आयोजित एक रैली में योगी ने कहा, 'क्या आप देश की सत्ता आतंकवादियों को सौंप देंगे जो खुद को बाबर की औलाद कहते हैं…उनको जो बजरंगबली का विरोध करते हैं. इस पर विपक्ष के नेताओं ने आपत्ति जाहिर की है. इससे पहले आयोग योगी की सांप्रदायिक टिप्पणियों के चलते उनके चुनाव प्रचार करने पर 72 घंटे का प्रतिबंध लगा चुका है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *