मोदी कैबिनेट के फैसले: रिजर्व बैंक के दायरे में आएंगे कोऑपरेटिव बैंक, मुद्रा शिशु लोन पर ब्याज में 2 फीसदी की छूट

नई दिल्ली
नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मोदी कैबिनेट ने अध्यादेश पर मुहर लगाते हुए सभी 1540 कोऑपरेटिव और मल्टी स्टेट बैंकों को रिजर्व बैंक के दायरे में ला दिया है। इससे 8 करोड़ 60 लाख खाताधारकों की जमा राशि सुरक्षित होगी। जावड़ेकर ने कहा कि देश में 1482 अर्बन कोऑपेटिव बैंक और हैं 58 मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव बैंक हैं, इनको लेकर आज अध्यादेश लाया गया है कि ये सभी बैंक रिजर्व बैंक के सुपरविजन में आ जाएंगे। सभी बैंकिंग नियम इन कोऑपरेटिव बैंकों पर लागू होगा। इसका फायदा होगा कि जमाकर्ता को भरोसा मिलेगा कि हमारा पैसा सुरक्षित है। 8 करोड़ 60 लाख खाताधारक हैं इन 1540 बैंकों में। 4 लाख करोड़ 84 लाख रुपए जमा हैं। इस सबकी अच्छी रक्षा होगी। रिस्ट्रक्चरिंग के समय लोगों को डर लगता है, जो हमने कुछ मामलों में देखा। अब यह नहीं होगा। 

जावड़ेकर ने कहा कि मुद्रा लोन योजना के तहत शिशु मुद्रा लोन लेने वाले 9 करोड़ 37 लाख लोगों को ब्याज में दो फीसदी की छूट मिलेगी। ठेले और रेहड़ी पटरी वाले या छोटे दुकानदारों मुद्रा योजना से पहले साहूकारों से पैसा लेते थे, उन्हें बहुत ब्याज चुकाना होता था। अब उन्हें बैंकों से पैसा मिलता है। उन्हें अब 2 फीसदी की छूट मिलेगी। छोटे आदमी को बड़ा फायदा देने वाली योजना है। 1 जून 2020 से यह योजना लागू होगा और 31 मई 2021 तक चलेगी। इसके लिए इस वर्ष में 1540 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मंत्री ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि कुशीनगर बुद्ध सर्किट का केंद्र है। वहां अंतरराराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट नहीं था। अब कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन रहा है। वहां तीन किलोमीटर का एयरस्ट्रिप बन चुकी है। अब एयरबस जैसा जहाज भी उतर सकता है। अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होने के साथ यहां भी विमान आने लगेंगे। यहां से बुद्धिस्ट सर्किट में जाने वाले लोगों को बहुत फायदा होगा।  

ओबीसी समाज के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। एक ओबीसी कमिशन नियुक्त हुआ है, जिसका का काम यह देखना है कि मिरा आरक्षण सबतक पहुंचा क्या? नहीं तो क्या करना चाहिए? ज्यादा लोगों को लाभ कैसे मिलेगा, इसके बारे में चिंतन करते हुए यह कमिशन सिफारिशें देगा। यह काम शुरू हो गया लेकिन उसके बाद उनका टर्म ऑफ रेफरेंस बदल दिया गया। क्योंकि उसी समय ध्यान में आया कि कई जातियां कई राज्यों में स्पेलिंग में एक अंतर की वजह से वह जातियां वंचित रह जाती हैं आरक्षण से। इसलिए इसे दूर करने का भी काम ओबीसी कमिशन को दिया गया है। बीच में संकट आया। इस वजह से काम करने में देरी आई है। सरकार ने इसके लिए रिपोर्ट देने की अवधिक छह महीने  बढ़ाकर 21 जनवरी 2021 कर दी है।  हमारा पड़ोसी देश म्यांमार ने दो और गैस ब्लॉक में 909 करोड़ रुपए निवेश का विचार किया है। नए दो ब्लॉक ए1, ए3 हैं, इन ब्लॉक्स में गैस का शोध होगा और गैस मिलेगा उसका उत्पादन होगा। गैस तो तय है उत्पादन शुरू करने के लिए 909 करोड़ रुपए रखे गए हैं। यह मोदी जी के लुक ईस्ट नीति का उदाहरण है।

जावड़ेकर ने कहा कि पशुधन को लेकर बड़ा फैसला किया गया है। पशुधन विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपए का यह कार्यक्रम पहली बार सबके लिए खुल रहा है। इससे दूध उत्पादन बढ़ेगा, निर्यात बढ़ेगा और लोगों को रोजगार मिलेगा। जावड़ेकर ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में बड़ा सुधार किया गया है। हमने अभी तक स्पेस विज्ञान में अच्छा विकास किया है। अब यह सभी लोगों के लिए खुल रहा है। भारत के छात्रों ने एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण सैटेलाइट बनाया गया। लेकिन उन्हें वह बाहर देश से छोड़ना पड़ा। जैसे अटल जी के समय में बिजली के क्षेत्र में हुआ वही आज स्पेस के क्षेत्र में हुआ है।
 

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