मैग्नीफिसेंट MP को लेकर कमलनाथ सरकार का दावा, इस बार बदलेगी प्रदेश की ‘किस्‍मत’

भोपाल
मध्‍य के मिनी मुंबई कहे जाने वाले इंदौर (Indore) में होने जा रहे मैग्नीफिसेंट एमपी (Magnificent MP) के आयोजन में सरकार की ओर से बड़े-बड़े निवेश के दावे किए जा रहे हैं. सरकार का कहना है कि इस बार समिट में केवल एमओयू नहीं होंगे, बल्कि प्रोजेक्ट्स को फाइनल रूप दिया जाएगा. जबकि मुख्‍यमंत्री कमलनाथ (Chief Minister Kamal Nath) से लेकर कांग्रेस के तमाम बड़े नेता तक शिवराज सरकार के दौरान हुई इन्वेस्टर्स समिट को लेकर भारतीय जनता पार्टी को आईना दिखा रहे हैं.

मैग्नीफिसेंट एमपी के आयोजन के जरिए सूबे में निवेश की संभावनाओं के सपने तो दिखाए ही जा रहे हैं बल्कि सियासी वार भी हो रहे हैं. कांग्रेस का आरोप है कि शिवराज सरकार के दौरान हुई समिट में सिर्फ एमओयू साइन हुए और निवेश के नाम पर नतीजे जीरो रहे. खुद सीएम कमलनाथ मैग्नीफिसेंट एमपी को लेकर बेहतर निवेश के दावे कर रहे हैं.

इन्वेस्टर समिट को लेकर इससे पहले मध्य प्रदेश में हुए कार्यक्रमों पर नजर डालें तो नतीजे उतने बेहतर नहीं आए हैं, जितने तब की सरकार की ओर से दावे किए गए थे. 2012 और 2014 में शिवराज सरकार के दौरान हुई ग्लोबल इंवेस्टर समिट के आयोजन और नतीजों को देखें तो अक्टूबर 2012 में इंदौर में हुई ग्लोबल इंवेस्टर समिट में सहारा ग्रुप ने 20 हजार करोड़ के निवेश की डील की थी. ये डील डेयरी और एग्रो सेक्टर प्रोजेक्ट्स में की गई थी, लेकिन ये भी परवान नहीं चढ़ सकी.

इसी जीआईएस में महिंद्रा-एंड-महिंद्रा ने 3000 करोड़ की लागत से एसयूवी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने का दावा किया था. इस प्रोजेक्ट के लिए भोपाल से 20 किमी दूर बागरोडा में करीब 500 एकड़ जमीन भी कंपनी ने देखी थी, लेकिन बाद में कंपनी ने एमओयू साइन करने से इनकार कर दिया. जबकि सूर्या ग्लोबल ने सीमेंट सेक्टर और सूर्यचक्र ग्रुप ने पॉवर सेक्टर में निवेश की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन माइनिंग परमिशन में देरी के चलते प्रोजेक्ट को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका.

जबकि 2014 में हुई जीआईएस में जेपी ग्रुप ने 35 हजार करोड़ के निवेश की बात की थी, तब जेपी ग्रुप की ओर से माइक्रोचिप मैन्युफैक्चरिंग सेटअप लगाने का दावा किया गया था. पहले फेज में जेपी एसोसिएट्स की ओर से 18 हजार करोड़ निवेश की बात कही गई थी, लेकिन बाद में ये प्रोजेक्ट भी परवान नहीं चढ़ सका. 22-23 अक्टूबर 2016 को इंदौर में ही जीआईएस के आयोजन से पहले तत्‍कालीन सीएम शिवराज ने अमेरिका का दौरा किया था लेकिन इस समिट के बाद के नतीजे भी उतने बेहतर नहीं आए जितना दावा सरकार की ओर से किया गया था.

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