मेडिकल स्टोर संचालक कोरोना के संदिग्ध मरीजों की करेंगे निगरानी

भोपाल
मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग अब कोरोना के संदिग्ध मरीजों को मेडिकल स्टोर संचालकों के जरिए ट्रैक करने जा रहा है. मेडिकल स्टोर संचालक कोरोना के संदिग्ध मरीजों की निगरानी करेंगे. मेडिकल स्टोर पर डॉक्टर की पर्ची के बिना सर्दी खांसी जुकाम की दवाइयां लेने आने वाले मरीजों की सारी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को भेजेंगे.

मध्य प्रदेश में कोरोना के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए उससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अब नई कार्य योजना तैयार की है. इसमें कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने और संदिग्ध मरीजों की पहचान के लिए मेडिकल स्टोर संचालकों की मदद ली जा रही है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग दवा विक्रेताओं को यूज़र, आआईडी कार्ड के साथ पासवर्ड भी देगा. मेडिकल स्टोर संचालकों को एमपी ऑनलाइन के पोर्टल पर संदिग्ध मरीजों की पूरी जानकारी हर रोज अपलोड करनी होगी.

मध्यप्रदेश में 55 हज़ार से ज्यादा मेडिकल स्टोर है. प्रदेश भर में 30 हज़ार रिटेल और 25 हज़ार होलसेल मेडिकल स्टोर संचालित है. वहीं भोपाल जिले में 1500 होलसेल और रिटेल मेडिकल स्टोर है. मेडिकल स्टोर्स पर कोरोना संक्रमण के लक्षण जैसे गले में खराश, खांसी, बुखार जैसे लक्षण वायरल और अन्य बीमारियों की दवाएं आसानी से उपलब्ध है.

कोरोना संक्रमण से पीड़ित 70 प्रतिशत मरीज मेडिकल स्टोर पर जाकर एंटीबायोटिक, एंटीइन्फ्लेमेटरी और एंटी एलर्जी की दवाई खरीद रहे है. सभी मेडिकल स्टोर्स संचालकों को सीएमएचओ ने निर्देश दिए हैं कि वह अपने यहां बिना डॉक्टर के पर्चे के दवाई ना बेचें. जो व्यक्ति बिना डॉक्टर की पर्ची के दवाई लेने आ रहे हैं, उनकी जानकारी सीएमएचओ कार्यालय को जाए.

स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल स्टोर संचालकों को भेजे आदेश में लिखा है कि रिटेल मेडिकल स्टोर संचालको को सर्दी,खांसी और बुखार के मरीज की पूरी जानकारी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी. संचालक को fbmponline.gov. in पर जाकर लॉगइन करना होगा. इसके बाद संचालकों पासवर्ड और आईडी स्क्रीन पर दिखने लगेगी. इस साइट जाकर मेडिकल स्टोर संचालक हर रोज सर्दी, खांसी और सांस के मरीजों के पर्चे से पूरी जानकारी पोर्टल पर अपलोड करेंगे. इसमें मरीज का नाम और पता भी शामिल होगा. इसी जानकारी के आधार पर स्वास्थ्य विभाग की टीम एक हफ्ते बाद उस मरीज के घर पर जाकर जानकारी लेगी कि मरीज किस स्थिति में है.

स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश भर के सभी ड्रग इंस्पेक्टर्स को भी निर्देश दिए हैं कि भोपाल के साथ ही प्रदेश भर के सभी मेडिकल स्टोर संचालको की मॉनिटरिंग की जाए. रोज की गई मॉनिटरिंग के आधार पर कोरोना के लक्षण वाले संदिग्ध मरीज के पास स्वास्थ्य विभाग की टीमों को भेजा जाएगा और इन कोरोना संदिग्धों की स्क्रीनिंग कराई जाएंगी. स्क्रीनिंग कराने के बाद कोरोना मरीजों को कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा.

सामान्य सर्दी,खांसी और बुखार के मरीज सरकारी व निजी अस्पतालों में इलाज कराने से डर रहे हैं. मरीजों को डर है कि कहीं उन्हें कोरोना संदिग्ध मानकर अस्पताल में भर्ती ना करा लिया जाए. यही कारण है कि वह सीधे मेडिकल स्टोर पर जाकर अपनी बीमारी के लक्षण बताकर दवाएं खरीद रहे हैं. सर्दी खांसी और बुखार के मरीज घर पर ही आयुर्वेदिक काढ़ा पीकर अपना इलाज कर रहे हैं जिस कारण कोरोना के संदिग्ध मरीज सरकार की नजर में नहीं आ रहे हैं.

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