मुलायम के आह्वान पर भी सपाई रहे शांत , लो! गुजर गया गुरुवार

 बरेली                                                                         
जुझारू और संघर्षशील नेता और कार्यकर्ता सपा में मुलायम सिंह यादव की ताकत थे लेकिन अब उनकी कोई नहीं सुन रहा। इसलिए सपा में धरती पुत्र मुलायम सिंह कहने वाले लोग तो हैं लेकिन उनके आह्वान का पालन करने का साहस उन्हीं लोगों में नहीं रहा है। दरअसल, सपा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में सपा नेता और कार्यकर्ताओं से गुरुवार से सड़कों पर उतरने का आह्वान किया था। गुरुवार बीत गया किसी नेता ने सपा सरंक्षक के आह्वान को मूर्त रुप देने का प्रयास नहीं किया। उनके आह्वान को मजाक बनाकर छोड़ दिया।  
एक सपा नेता ने कहा कि प्रदेश कार्यालय से कोई निर्देश नहीं आया इसलिए आंदोलन नहीं किया गया। प्रदेश कार्यालय ने भी कोई सरकुलर जारी नही किया। इससे नेता जी के आह्वान बेअसर हो गया। प्रदेश प्रवक्ता रहे राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि सपा सरंक्षक के आह्वान के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। 

मुलायम के संघर्ष के साथी रहे और लखनऊ में मौजूद पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव सपा संरक्षक की इस दशा से व्यथित हैं। बताया कि चार दिन पूर्व ही नेताजी से उनके आवास पर मिला था। वे कष्ट में है। कहने को पार्टी के संरक्षक हैं लेकिन पार्टी२ की दशा देखकर फड़फड़ा रहे हैं मजबूर हैं। सपा चलाने वालों ने नेता जी के कद की परवाह नहीं की और उनसे प्रेस करवा दी। प्रेस में भी प्रदेश संगठन का कोई नेता शामिल नहीं हुआ। अब हश्र सामने है उनके आह्वान का कोई असर किसी नेता पर नहीं हुआ। 

कोई भी सड़कों पर नहीं उतरा
बताते हैं कि जब फूलन देवी की हत्या हुई थी तब नेता जी ने सड़कों पर उतरने का आह्वान किया था और दिल्ली में हुए आह्वान के बाद बरेली में सपाई सड़कों पर उतर आए थे। जबरदस्त आंदोलन हुआ था। सपा के बड़े नेता ही नेताजी को गंभीरता से नहीं लेते। उन्हें मजाक का पात्र बना दिया है। संघर्ष के लिए हिम्मत गंभीरता और लोगों की जरूरत होती है और अब सपा में तीनों ही नहीं है।  

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