मुख्यमंत्री शिवराज 67 दिन बाद भोपाल से निकले बाहर

भोपाल
जनता की सेवा के लिए जनता के बीच जाकर काम करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की वर्किंग स्टाइल कोरोना के कहर ने बदल दी है। पिछले कार्यकाल में हर दूसरे या तीसरे दिन जनता के बीच जाने वाले शिवराज चौथी पारी में 67 दिन तक भोपाल से बाहर नहीं निकले। इतने दिनों बाद वे आज गृहस्थ संत देव प्रभाकर शास्त्री दद्दाजी के गृहग्राम उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए कटनी पहुंचे।
23 मार्च की रात शपथ लेने के उपरांत मुख्यमंत्री चौहान ने लॉक डाउन खत्म होने के बाद जनता के बीच जाने का फैसला लिया था। कोरोना संक्रमण रोकने और बीमार लोगों की सेहत पर फोकस कर वर्किंग कर रहे चौहान ने प्रोटोकॉल और लॉक डाउन के प्रतिबंधों के चलते न सिर्फ खुद को भोपाल में सीमित किया था बल्कि कैबिनेट के सभी पांच मंत्रियों को भी भोपाल से ही सभी विभागीय गतिविधियां और दायित्व संचालन के निर्देश दे रखे थे। पिछले दिनों उन्होंने 31 मई के बाद जिलों के दौरे पर जनता के बीच जाने का फैसला लिया था। इसके साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के चलते सीएम चौहान के दिल्ली जाने की भी अटकलें थीं। वे दिल्ली से पहले कटनी गए। अब माना जा रहा है कि सीएम चौहान कोरोना संक्रमण के बाद लोगों की सुविधाओं और समस्याओं की मैदानी रिपोर्ट लेने के लिए जून में दौरे करेंगे और विभागों के कामकाज में भी कसावट लाएंगे।

वीडी शर्मा, नरोत्तम, भगत, पाठक रहे साथ
मुख्यमंत्री चौहान आज स्टेट प्लेन से उमरिया एयरस्ट्रिप पहुंचे। वहां उनकी अगवानी पूर्व मंत्री संजय पाठक और शहडोल संभागायुक्त नरेश पाल समेत अन्य अधिकारियों ने की। चौहान के साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, अजा मंत्री मीना सिंह भी पहुंचे। ये सभी सड़क मार्ग से कटनी जिले में स्व. दद्दाजी के ग्राम पहुंचे और वहां उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

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