मुख्तार अंसारी की पंजाब ‘जेल यात्रा’ से यूपी सरकार परेशान

 
लखनऊ 

पूर्व विधायक बाहुबली मुख्तार अंसारी की पंजाब 'जेल यात्रा' ने यूपी सरकार को परेशानी में डाल दिया है। मुख्तार का नाम लेकर रंगदारी मांगने के मामले में आनन-फानन में प्रॉडक्शन वॉरंट पर मुख्तार को साथ ले जाने की पंजाब पुलिस की कवायद ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यूपी एसटीएफ बिना साक्ष्य के पंजाब ले जाने की वजह तलाशने के साथ मुख्तार की वापसी के उपाय खंगालने में जुट गई है। 
 
माफिया मुख्तार के हरियाणा और पंजाब के अंडरवर्ल्ड कनेक्शन के बारे में यूपी एसटीएफ के अफसर अच्छी तरह जानते हैं। वे इस बात को लेकर सशंकित हैं कि मुख्तार का एकाएक पंजाब जेल जाना किसी बड़ी साजिश का हिस्सा तो नहीं है। अमूमन ऐसे मामलों में गिरफ्तारी से पहले पुलिस पहले यह पुष्टि करती है कि जिसके नाम से फोन किया गया है, फोन करने वाले की आवाज उससे मिलती है या नहीं। ऐसे में पहले से जेल में बंद मुख्तार को लोकसभा चुनाव से पहले मोहाली पुलिस द्वारा पंजाब ले जाना यूपी के अफसरों को हजम नहीं हो रहा है। 

यह है मामला 
मोहाली के एक बड़े बिल्डर को फोन करके खुद को मुख्तार अंसारी बताते हुए 10 करोड़ रुपये मांगे गए थे। 24 जनवरी को पंजाब पुलिस ने मुख्तार को यूपी से ले जाकर मोहाली कोर्ट में पेश किया था। जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में रोपड़ जेल भेज दिया गया था। 

एटीएस पर वापस लाने का दबाव 
सूत्रों के मुताबिक, जेल प्रशासन और यूपी एसटीएफ के अफसरों पर सरकार का दबाव है कि मुख्तार को वापस बांदा जेल लाया जाए। इसके लिए विधि विशेषज्ञों से राय लेने के साथ यूपी में चल रहे मामलों में उसकी तारीखें पता की जा रही हैं। हालांकि, मुश्किल यह है कि अब यूपी में मुख्तार के खिलाफ गंभीर अपराध के मामले न के बराबर हैं। मुख्तार के खिलाफ सबसे बड़ा मुकदमा बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का है, जो दिल्ली की सीबीआई कोर्ट में चल रहा है। हालांकि, इस बारे में अफसर आधिकारिक रूप से बोलने को तैयार नहीं हैं। 

शुरुआती जांच में मुख्तार की आवाज होने पर संदेह 
पंजाब पुलिस जिन फोन कॉल्स के आधार पर मुख्तार अंसारी को प्रॉडक्शन वॉरंट पर अपने साथ ले गई है। सूत्रों के मुताबिक शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि वह आवाज मुख्तार की नहीं है। हालांकि, पंजाब पुलिस ने मुख्तार के वॉयस सैंपल लिए हैं, लेकिन उनकी अभी रिपोर्ट नहीं आई है। मोहाली के एसपी कुलदीप सिंह चहल ने बताया कि मुख्तार 14 दिन की न्यायिक हिरासत में है। वह पंजाब की जेल में रहेगा या वापस यूपी भेजा जाएगा, यह कोर्ट पर निर्भर करता है। 

मुन्ना बजरंगी से मिलती-जुलती कहानी 
फोन पर धमकी मामले में मुख्तार अंसारी और उनके करीबी रहे माफिया मुन्ना बजरंगी की कहानी में समानता है, लेकिन कुछ ट्विस्ट के साथ। दरअसल झांसी जेल में बंद रहने के दौरान मुन्ना के खिलाफ बीएसपी नेता को धमकाने का मामला बागपत में दर्ज हुआ था। मुन्ना को बागपत जेल ट्रांसफर करवाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया गया था, लेकिन मुन्ना इसके विरोध में था। हालांकि उसे बागपत जेल ट्रांसफर किया गया। पिछले 9 जुलाई को उसकी हत्या हो गई। अब मुख्तार का नाम भी धमकाने में आया। पंजाब में मुकदमा दर्ज हुआ और मुख्तार बिना कोई विरोध जताए चुपचाप पंजाब चले गए। 
 

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