मिशन 2022 के लिए प्रियंका की नई रणनीति: कांग्रेस का गठबंधन और बाहरी को टिकट देने से तौबा

 लखनऊ 
समाजवादी पार्टी के बाद कांग्रेस ने भी भविष्य में चुनावी गठबंधन करने से तौबा कर ली है। यही नहीं, पार्टी अब चुनाव में बाहरी लोगों की जगह कार्यकर्ताओं को टिकट देने में तरजीह देगी। रायबरेली में चले तीन दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने प्रदेश पदाधिकारियों के सामने जिस भावी रणनीति का खुलासा किया है, कम से कम उसके यही संकेत हैं।

सूत्रों के अनुसार चुनावी गठबंधन को लेकर प्रियंका गांधी ने कहा है कि पार्टी आगे कोई गठबंधन नहीं करेंगी। तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 2017 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन नहीं करना चाहते थे लेकिन उनके समेत कई लोगों के दबाव में राहुल ने गठबंधन किया था।

बाहरी लोगों को टिकट नहीं
पार्टी अब चुनाव के समय दूसरे दलों से आने वालों को टिकट नहीं देगी। इस बारे में राष्ट्रीय महासचिव ने साफ तौर पर कहा कि बीते चुनावों में दूसरे दलों के लोगों को टिकट देने का पार्टी को फायदा नहीं मिला। टिकट देने के पीछे उद्देश्य यही था कि नामी चेहरे को टिकट देने से शुरुआत ही दो-ढाई लाख वोट से होगी। लेकिन न वोट मिले और न सीट ही निकली। 

कार्यकर्ताओं का हक मारा गया
राष्ट्रीय महासचिव ने कहा है कि आगे पार्टी कार्यकर्ताओं को टिकट देगी। कार्यकर्ताओं को पूरा सम्मान दिया जाए। बाहरी लोगों को टिकट देने से कार्यकर्ताओं का हक मारा गया। कार्यकर्ता पार्टी से हरदम जुड़ा रहता है, जबकि बाहरी लोगों में उनकी संख्या ज्यादा है जो  चुनाव बाद पार्टी छोड़ कर चले जाते हैं। निष्ठावान कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाया जाएगा। उपचुनाव में ऐसे ही लोगों को टिकट दिया गया और पार्टी का वोट प्रतिशत भी बढ़ा।

संगठन पर फोकस
पार्टी की नई टीम को प्रियंका ने हिदायत दी कि संगठन मजबूत बनाने पर पूरा फोकस करें। हर पदाधिकारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी ईमानदारी से करें। जवाबदेही सबकी तय है। काम न करने वालों की छुट्टी कर दी जाएगी। छोटी कमेटी का मतलब काम करना होगा। नतीजे देने होंगे। 

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