मास्टर प्लान में कुछ लोगों की बजाय आम नागरिकों का ध्यान रखें

भोपाल

शहर का मास्टर प्लान बनाते समय कुछ लोगों की बजाय आम नागरिकों के हितों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। प्लान में श्रमिकों के लिए स्थान और उनके बेहतर जीवन-यापन की सुविधाओं का भी ख्याल रखें। इससे स्लम एरिया नहीं बढ़ेगा। अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान (ए.आई.जी.जी.पी.ए.) के महानिदेशक  आर. परशुराम ने ग्राम एवं नगर निवेश के नव-नियुक्त सहायक संचालकों के प्रशिक्षण में ये बातें कहीं।

 परशुराम ने कहा कि प्लानर को पहले स्वयं सोचना चाहिए कि उसके लिए क्या बेहतर होगा। उसी अनुसार प्लान बनाना चाहिये। प्लान में वर्तमान के साथ भविष्य में होने वाले विकास का भी ध्यान रखें। आजीविका के विभिन्न आयामों पर गंभीरता से विचार हो। मास्टर प्लान बनाते समय बड़े प्रोजेक्ट के साथ ही छोटे-छोटी आम जरूरतों पर भी ध्यान दिया जाए।

प्रशिक्षण में एसपीए दिल्ली के अध्यक्ष आर्किटेक्ट अमोघ गुप्ता ने कॉलोनाइजर रूल्स और अनाधिकृत कॉलोनियों के विकास, एसपीए भोपाल के प्रो. बिनायक चौधरी ने लैण्ड यूज के अर्थशास्त्र और सीनियर कंसल्टेंट प्रो. एच.एम.मिश्रा ने अर्बन गवर्नेंस के बारे में जानकारी दी। मैनिट भोपाल के सहायक प्रध्यापक  राहुल तिवारी ने ट्रांसपोर्ट प्लानिंग और पर्यावरण तथा  जयवर्धन राय ने प्लानिंग परमिशन प्रोसेस के बार में बताया। प्रशिक्षण में "सिटी फॉर ऑल" विषय पर भी इंटरेक्टिव सत्र हुआ। इस दौरान संस्थान के मुख्य सलाहकार  एम.एम.उपाध्याय,  मंगेश त्यागी और  गिरीश शर्मा उपस्थित थे।

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